गमछे से खुला जयभगवान की हत्या का राज
बेटी की शादी से चंद घंटे पहले अर्चना ने अपने पति को मौत के घाट उतार दिया। शातिर अंदाज में अपने गुनाह पर पर्दा डालने के लिए उसने बेटे और भाई के साथ मिलकर पति के शव को गंगा में फेंक दिया।
संवाद सूत्र, लक्सर: बेटी की शादी से चंद घंटे पहले अर्चना ने अपने पति को मौत के घाट उतार दिया। शातिर अंदाज में अपने गुनाह पर पर्दा डालने के लिए उसने बेटे और भाई के साथ मिलकर पति के शव को गंगा में फेंक दिया। जांच के दौरान उसने पुलिस को गुमराह करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन उनकी कहानी में झोल और मृतक का गमछा बरामद होने के बाद उनका गुनाह सामने आ गया।
सीओ बीएस चौहान ने बताया कि जयभगवान अपनी पत्नी अर्चना पर संदेह करता था। वह अक्सर उसे मारपीट कर प्रताड़ित करता रहता था। बेटी की शादी से एक दिन पहले रात को उसने अर्चना की पिटाई की। इसके बाद आधी रात के बाद उसने दोबारा उसकी पिटाई की। आये दिन होने वाली पिटाई से अर्चना का सब्र टूट गया। अर्चना का भाई मोनू भी शादी में आया हुआ था। इसके बाद उन्होंने उसकी हत्या कर दी। खानपुर थानाध्यक्ष अभिनव शर्मा ने बताया कि जयभगवान पंद्रह साल पहले तुगलकपुर गांव में ही रहने वाले अपने बहनोई की हत्या के आरोप में जेल गया था। इसके बाद से ही बहन के परिवार से उसकी रंजिश चल रही थी। बेटी की शादी से तीन दिन पहले अर्चना ने पुलिस के समक्ष जयभगवान के भांजों पर शादी में गड़बड़ी करने का अंदेशा जताया था। जयभगवान के गायब होने के बाद पुलिस भी उसकी बहन के स्वजन पर ही संदेह कर रही थी। लेकिन जांच के दौरान अर्चना की कहानी में झोल और मृतक का गमछा उसके पास से बरामद होने के बाद पुलिस को उस पर संदेह हो गया। पुलिस ने पहले सबूत जुटाए और इसके बाद जब अर्चना से सख्ती से पूछताछ की, तो उसने हत्या की बात स्वीकार कर ली और सारी कहानी उगल दी।