एक्सप्रेस वे से हरिद्वार-दिल्ली की कम होगी दूरी

देहरादून रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धर्मनगरी को रिग रोड एक्सप्रेस वे और मेडिकल कालेज की सौगात दी। हरिद्वार में रिग रोड से जहां नौ गांव सीधे जुड़ेंगे वहीं जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी। एक्सप्रेस वे के निर्माण से हरिद्वार और दिल्ली की दूरी कम होगी। साथ ही पर्यटन और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 08:23 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 08:23 PM (IST)
एक्सप्रेस वे से हरिद्वार-दिल्ली की कम होगी दूरी
एक्सप्रेस वे से हरिद्वार-दिल्ली की कम होगी दूरी

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: देहरादून रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धर्मनगरी को रिग रोड, एक्सप्रेस वे और मेडिकल कालेज की सौगात दी। हरिद्वार में रिग रोड से जहां नौ गांव सीधे जुड़ेंगे, वहीं जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी। एक्सप्रेस वे के निर्माण से हरिद्वार और दिल्ली की दूरी कम होगी। साथ ही पर्यटन और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

धर्मनगरी में जाम बड़ी समस्या है। स्नान पर्वों पर भीड़ उमड़ने से हाईवे और संपर्क मार्ग पैक हो जाते हैं। इस समस्या से निजात दिलाने को करीब 25 किमी रिग रोड प्रस्तावित है। पहले चरण में 15.3 किमी सड़क बनाई जानी है। बहादराबाद स्थित अमतलपुर बोंगला से शुरू होने वाली रिग रोड नेशनल हाईवे 74 में कांगड़ी वन विभाग की अंजनी चौकी तक जाएगी। इतना ही नहीं रिग रोड नौ गांवों को जोड़ेगी और रोड 45 मीटर चौड़ी होगी। इसमें फोर लेन बनेंगे और दोनों तरफ सात-सात मीटर की सर्विस लेन भी बनाई जाएगी। एनएचएआइ ने रिग रोड के लिए भूमि अधिग्रहण और मुआवजा वितरण भी शुरू कर दिया है। दावा किया जा रहा है कि पहले चरण का काम तीन साल में पूरा हो जाएगा। अंजनी चौकी के पास बड़े पुल बनाए जाएंगे, जो हाईवे को रिग रोड से जोड़ेंगे। गांवों के बीच क्रासिग पुलिया भी बनाई जाएगी। पहले चरण से सड़क निर्माण की लागत करीब 1602 करोड़ आएगी। प्रथम फेज बनने से रुड़की से बिजनौर- नजीबाबाद जाने वाले वाहन चालकों को हरिद्वार नहीं आना पड़ेगा। स्नान पर्वों पर इसका सर्वाधिक लाभ मिलेगा। साथ ही हरिद्वार जिले और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों और कस्बों के विकास को गति मिलेगी। एनएचएआइ के अभियंता कपिल जोशी ने बताया कि रिग रोड दो चरणों में बनेगा। पहले चरण में 15.3 किमी क्षेत्र में भू अधिग्रहण और मुआवजा वितरण शुरू हो गया है। इतना ही नहीं एक्सप्रेस वे बनने से दिल्ली के लिए हरिद्वार से कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी। इससे हरिद्वार-दिल्ली की दूरी कम होने के साथ समय और धन की भी बचत होगी। इस पर करीब 2082 करोड़ की लागत आएगी। इसमें छह इंटरचेजेंज, चार फ्लाईओवर, छह प्रमुख पुल, दस माइनर के अलावा दो आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) और दस वीयूपी (व्हीकल अंडरपास) होंगे।

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मेडिकल कालेज का निर्माण शुरू, 2022 में पहला बैच होगा शुरू

जगजीतपुर में 538 करोड़ की लागत से मेडिकल कालेज बनने से मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा। इतना ही नहीं प्रदेश के युवाओं के लिए बेहतरीन चिकित्सा शिक्षा भी मुहैया होगी। औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इसी साल अक्टूबर में कार्यदायी संस्था को 68 करोड़ रुपये भी हस्तांतरित कर दिए गए हैं। कार्यदायी संस्था ब्रिज एंड रूफ कंपनी ने कार्य भी शुरू कर दिया है। विधिवत शिलान्यास से एक रोज पहले ही एसडीएम पूरण सिंह राणा ने साइट का निरीक्षण भी किया था। कार्यदायी संस्था के अधिकारियों ने निर्माण में गैस पाइप लाइन की बाधा से भी अवगत कराया था। दावा किया जा रहा है कि 2022 में मेडिकल कालेज का पहला बैच भी शुरू हो जाएगा। बताते चलें कि नगर निगम मेडिकल कालेज के निर्माण के लिए बगैर किसी शर्त के 70.5 एकड़ जमीन चिकित्सा शिक्षा विभाग को हस्तांतरित कर चुका है।

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