स्वाइन फ्लू को लेकर अस्पताल अलर्ट
संवाद सहयोगी, रुड़की: स्वाइन फ्लू के खतरे को देखते हुए सिविल अस्पताल रुड़की अलर्ट मोड पर आ
संवाद सहयोगी, रुड़की: स्वाइन फ्लू के खतरे को देखते हुए सिविल अस्पताल रुड़की अलर्ट मोड पर आ गया है। अस्पताल ने मरीजों के लिए छह बैड का एक आइसोलेशन वार्ड बनाया है। वहीं स्वाइन फ्लू की जांच के लिए किट भी अस्पताल में आ गई है। फ्लू में दी जाने वाली टेमीफ्लू की 400 टेबलेट भी अस्पताल में मंगवा ली गई है।
प्रदेश में स्वाइन फ्लू के मामले सामने आने के बाद सिविल अस्पताल रुड़की ने भी इससे निपटने के लिए सारी व्यवस्थाएं कर ली हैं। यदि स्वाइन फ्लू से या फिर उसके लक्षण वाला कोई मरीज अस्पताल में उपचार के लिए आता है तो उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा। स्वाइन फ्लू एक मरीज से दूसरे को हो सकता है। इसी के चलते अलग से यह वार्ड बनाया गया है। अस्पताल प्रशासन ने स्वाइन फ्लू में दी जाने वाली टेमीफ्लू की 400 टेबलेट भी मंगवा ली है। हालांकि बच्चे को दिए जाने वाला सिरप अभी नहीं आ पाया है। उसकी डिमांड अस्पताल भेज चुका है। जल्द ही, यह भी अस्पताल में आ जाएगा। स्वाइन फ्लू के मरीज के नोक से जांच के लिए सैंपल लिया जाता है। इस सैंपल को लेने के लिए चिकित्सक के लिए एक अलग किट होती है। ताकि सैंपल लेने वाले को इंफेक्शन न हो सके। इसकी किट भी अस्पताल में आ गई है। जिसके चलते स्वाइन फ्लू की एन-1, एच-1 की जांच के लिए सैंपल भी लिया जा सकेगा।
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यह है स्वाइन फ्लू के लक्षण
-ज्यादा जुकाम होना और सामान्य से ज्यादा नाक से पानी बहना।
-गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत होना।
-तेज बुखार और तेज सिर दर्द होना।
-बार-बार उल्टी और दस्त होना।
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इन बातों का रखें ध्यान
-खांसते और छींकते समय अनिवार्य रूप से मुंह पर रूमाल रखें।
-नाक, कान एवं मुंह को छूने से पहले एवं बाद में हाथों को अनिवार्य रुप से साबुन से धोएं।
-कुछ भी खाने से पहले हाथ धोएं।
-स्वाइन फ्लू का कोई भी लक्षण दिखने पर चिकित्सक की सलाह लें।
-बिना चिकित्सक की सलाह के कोई दवा न लें।
-अधिक तरल पदार्थ लें।
-बच्चे को खांसी-जुकाम है तो उसे स्कूल न भेंजे।
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स्वाइन फ्लू से डरने की जरूरत नहीं
रुड़की: सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. डीके चक्रपाणि ने बताया कि स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए सिविल अस्पताल में पूरी व्यवस्था है। स्वाइन फ्लू से ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है। केवल सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। यह एक मौसमी बीमारी है। खांसी जुकाम का ही एक रूप है। यदि इसका कोई भी लक्षण नजर आए तो चिकित्सक की सलाह लें। इससे पीड़ित मरीज अधिक से अधिक आराम करें। पौष्टिक आहार और तरल पदार्थ अधिक मात्रा में लें। खांसते और छींकते समय अनिवार्य रूप से रूमाल मुंह पर रखें।