गंगा रक्षा को तपस्यारत संत ने दी जल त्यागने की चेतावनी
संवाद सहयोगी हरिद्वार मातृसदन के ब्रह्मचारी संत आत्मबोधानंद ने गंगा रक्षा संबंधी मांगें पूरी न
संवाद सहयोगी, हरिद्वार: मातृसदन के ब्रह्मचारी संत आत्मबोधानंद ने गंगा रक्षा संबंधी मांगें पूरी न होने पर 27 अप्रैल से जल भी त्यागने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि उनकी गंगा रक्षा संबंधी मांगों को सरकार नजरअंदाज कर रही है। जिसके चलते उन्हें यह निर्णय लेना पड़ रहा है।
पूर्व प्रोफेसर स्वर्गीय जीडी अग्रवाल उर्फ ज्ञानस्वरूप सानंद की मांगों को पूरा कराने के लिए मातृसदन आश्रम के ब्रह्मचारी संत आत्मबोधानंद की तपस्या को 177 दिन पूरे हो चुके हैं। इस दौरान वह तप में केवल जल, नींबू, पानी और शहद ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी तपस्या को कई माह बीत जाने के बाद भी सरकार की ओर से न तो उनकी मांगों को माना गया है और न ही उनसे कोई वार्ता के लिए आया है। जिससे वह घोषणा कर रहे हैं कि अगर 25 अप्रैल तक उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वह 27 अप्रैल से जल के साथ ही नींबू, शहद और नमक भी त्याग देंगे।