युवा पर्यावरणविदों ने आत्मबोधानंद की तपस्या का किया समर्थन

मातृसदन के ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद की तपस्या के 38वें दिन फ्राइडेस फार फ्यूचर की सदस्य और युवा पर्यावरणविद रिद्धिमा पांडे ने अपने समूह के साथ मातृसदन पहुंचकर उन्हें समर्थन दिया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 09:31 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 09:31 PM (IST)
युवा पर्यावरणविदों ने आत्मबोधानंद की तपस्या का किया समर्थन
युवा पर्यावरणविदों ने आत्मबोधानंद की तपस्या का किया समर्थन

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: मातृसदन के ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद की तपस्या के 38वें दिन फ्राइडेस फार फ्यूचर की सदस्य और युवा पर्यावरणविद रिद्धिमा पांडे ने अपने समूह के साथ मातृसदन पहुंचकर उन्हें समर्थन दिया।

युवा पर्यावरणविद ने कहा कि गंगा में खनन हो रहा है। इससे पर्यावरण पर असर पड़ रहा है, लेकिन जिम्मेदार इस ओर से मुंह फेरे हैं। गंगा की अविरलता और निर्मलता पर सरकार मोटा बजट खर्च कर रही है, फिर भी गंगा मैली है। कहा कि कोरोना काल में कुछ नहीं किया तो गंगा साफ होने लगी। अविरल प्रोजेक्ट के प्रणव नारंग ने बताया कि जाने-अनजाने हम प्लास्टिक गंगा में फेंक देते हैं। मोनाली ने बताया कि किस प्रकार आक्सीजन की कमी के चलते उनके पिता को जीवन से हाथ धोना पड़ा। साध्वी पद्मावती ने कहा कि गंगा नहीं तो भारततवर्ष भी नहीं बचेगा। शुभ पांडे ने सिगापुर में पर्यावरण को बचाते हुए कैसे वेस्ट मैनेजमेंट किया जाता है, इस बारे में जानकारी दी। पल्लवी ने कहा कि सड़क बनाने के लिए बड़े -बड़े पेड़ काट देते हैं और पर्यावरण को नष्ट करते हैं। बड़े पेड़ काटकर छोटे पौधे लगा कर क‌र्त्तव्यपालन कर लेते हैं, लेकिन देखभाल नहीं करते। उड़ीसा की श्रेया ने कहा कि दूर-दूर से गंगा को मां मानते हुए लोग आते हैं और गंगा को दूषित कर जाते हैं। नमन ने कहा कि जब गंगा को अपनी मां मानते हैं तो उसकी परवाह भी करनी चाहिए। महिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष अंजू मिश्रा, रचना शर्मा, आइआइटी कानपुर के मनीष, डा. वैभवी, आकाश ऋतुराज, अविरल प्रोजेक्ट वेस्ट मैनेजमेंट से सुलगना, गौरव आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन वर्षा वर्मा ने किया।

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