सुहागिनों ने निर्जला व्रत रखकर चंद्रदेव को दिया अर्घ्य
धर्मनगरी और आसपास के क्षेत्रों में करवाचौथ का पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। सुहागिन महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर चौथ माता की कथा सुनी।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार : धर्मनगरी और आसपास के क्षेत्रों में करवाचौथ का पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। सुहागिन महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर चौथ माता की कथा सुनी। चंद्रदेव को अर्घ्य दिया और छलनी से चांद देखकर चौथ माता से अपने पति की लंबी आयु की कामना की। साथ ही स्वजन की सुख समृद्धि और खुशहाली की मन्नत मांगी।
कनखल नगर अध्यक्षा रेखा नेगी ने अपने परिवार और कालोनी की सभी महिलाओं के साथ मिलकर सामूहिक करवाचौथ पूजन कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान युवतियों और महिलाओं ने अपने हाथों में मेंहदी रचायी। सुहागिनों ने सोलह श्रृंगार कर दिनभर निर्जला और निराहार रहकर व्रत किया। इस पर्व को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह रहा। घरों में दोपहर के समय महिलाओं ने करवाचौथ की कथा सुनी और सूर्य को जल अर्पण किया। शाम को व्रती महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से पूजा अर्चना की। भगवान शिव व पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, चंद्र भगवान की पूजा अर्चना कर कथा सुनी। चंद्रमा की पूजा कर अर्घ्य दिया। सामूहिक पूजन कार्यक्रम में निधि दक्ष ने करवाचौथ की कथा सुनायी। इस अवसर पर धनेत्रा नेगी, विनीता नेगी, पूजा नेगी, अंजना बिष्ट, मोनल दक्ष, शीतल दक्ष, संतोष, रेखा नैथानी, तान्या, जीविका नेगी, इवा दक्ष, चुनमुन, नंदनी, कुहू आदि उपस्थित रहे।
वहीं पीयूष शर्मा के संयोजन में शिवालिकनगर में महिलाओं ने करवाचौथ का सामूहिक पूजन कर अपने पति के लिए भगवान से मंगल कामनाएं की। इस अवसर पर प्रियंवदा शर्मा, लितिका भल्ला, निहारिका गुप्ता, अंजली शर्मा, सुमन अग्रवाल, मेघा वालिया, मनीषा जग्गा आदि महिलाओं ने पूजन कथा में भाग लिया। श्रवणनाथ नगर के गुरु मंदिर प्रांगण में महिलाओं ने करवाचौथ की कथा सुनी। साथ ही विधि विधान के साथ पूजन किया। इस अवसर पर कोमल, अनिता, रेणु समेत बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद रही। स्वामी तृप्तानंद और उषा ने पूजा संपन्न करायी।
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चांद छुपा बादल में, बढ़ गया इंतजार
करवाचौथ पर धर्मनगरी के मौसम का मिजाज बदल गया। शाम के वक्त घने बादल छा गए। तेज हवा चलने लगी। रात्रि आठ बजे तक बादलों में छिपे चंद्रदेव की एक झलक पाने को सुहागिन खासी आतुर दिखीं। चंद्रोदय के नियत समय अनुरूप निर्जला व्रतियों ने अर्घ्य देकर और छलनी से पति को देखकर व्रत खोला। शाम के वक्त बिजली भी घंटों गायब रही। इससे भी व्रतियों को असुविधा हुई। बिजली की आंख-मिचौनी शहर और आसपास क्षेत्रों में भी जारी रही।