श्रीराम के वियोग में राजा दशरथ ने ली अंतिम सांस

पंचम दिवस की रामलीला में प्रभु राम के वन जाने से और श्रीराम के वियोग में राजा दशरथ का व्यथित होकर रो-रोकर अंतिम सांस लेने के ²श्य ने दर्शकों की आंखें आंसुओं से भर दी। वहीं रामलीला देखने के लिए पांडाल में दर्शकों की भारी भीड़ रही।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 05:27 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 05:27 PM (IST)
श्रीराम के वियोग में राजा दशरथ ने ली अंतिम सांस
श्रीराम के वियोग में राजा दशरथ ने ली अंतिम सांस

जागरण संवाददाता, रुड़की: पंचम दिवस की रामलीला में प्रभु राम के वन जाने से और श्रीराम के वियोग में राजा दशरथ का व्यथित होकर रो-रोकर अंतिम सांस लेने के ²श्य ने दर्शकों की आंखें आंसुओं से भर दी। वहीं रामलीला देखने के लिए पांडाल में दर्शकों की भारी भीड़ रही।

देवभूमि रामलीला समिति रुड़की के तत्वावधान में न्यू भारत कालोनी एवं भारत कालोनी में आयोजित पंचम दिवस की रामलीला में श्रीराम के वन प्रस्थान करने पर उनकी मुलाकात केवट से होती है। वहीं नदी पार करने के पश्चात श्रीराम, लक्ष्मण व सीता माता जंगलों में भटकते-भटकते एक स्थान पर विश्राम करते हैं। इस दौरान माता को बहुत प्यास लगती है और वह व्याकुल हो जाती हैं। सीता की व्याकुलता को देखते हुए श्रीराम भ्राता लक्ष्मण को जल लेने भेजते हैं लेकिन जल कहीं नहीं मिलता है। इसके बाद जैसे ही लक्ष्मण ने तीर चलाया उसी के साथ तेज हवा के साथ झमाझम पानी बरसता है और सबकी प्यास बुझ जाती है। उधर, भरत एवं शत्रुघ्न का ननिहाल से अयोध्या वापस आना, उन्हें श्रीराम के वनवास जाने की जानकारी होना, पिता के स्वर्गवासी होने का पता लगना, माता केकैई एवं दासी मंथरा को भला-बुरा कहना और भरत का श्रीराम को वापस लाने के लिए वन जाने की घोषणा करने के ²श्य का मंचन किया गया। इससे पूर्व पंचम दिवस की लीला का आरंभ बतौर मुख्य अतिथि विजय पाल रावत व उदय सिंह पुंडीर ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। वहीं रोचक अभिनय करने वालों में दिगंबर सिंह नेगी, अभय पंवार, राजेंद्र सिंह रावत, संग्राम सिंह रावत, विनोद जखवाल, कुंवर सिंह चौधरी, विजय रावत, रितु लखेड़ा, सुरेंद्र सिंह बिष्ट, शुभम, साबर सिंह नेगी, भुवन चंद थपलियाल, सुनील नेगी, जगदीश नेगी, विक्रम कुलाश्री, हेमंत बड़थ्वाल, नरेंद्र गुसाईं आदि शामिल रहे।

chat bot
आपका साथी