अब राशन कार्ड के लिए बहा रहे घंटों पसीना

जागरण संवाददाता, रुड़की : अटल आयुष्मान योजना के तहत गोल्डन कार्ड के लिए आधार कार्ड मांगे

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jan 2019 09:27 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jan 2019 09:27 PM (IST)
अब राशन कार्ड के लिए बहा रहे घंटों पसीना
अब राशन कार्ड के लिए बहा रहे घंटों पसीना

जागरण संवाददाता, रुड़की : अटल आयुष्मान योजना के तहत गोल्डन कार्ड के लिए आधार कार्ड मांगे जाने पर अब उपभोक्ता क्षेत्रीय पूर्ति अधिकारी कार्यालय पर पहुंच रहे हैं। आए दिन हंगामा हो रहा है। शुक्रवार को भी कार्ड बनवाने को लोगों की भीड़ लगी रही।

पिछले कुछ समय से अटल आयुष्मान योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाए जा रहे हैं। इसके लिए केंद्रों पर उपभोक्ताओं से राशन कार्ड मांगे जा रहे हैं। जो राशन कार्ड ऑन लाइन नहीं हैं, उनके गोल्डन कार्ड नहीं बन पा रहे हैं। ऐसे में ये लोग अब खाद्य आपूर्ति अधिकारी के कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन यहां पर भी उनको कोई राहत नहीं मिल पा रही है। विभाग की ओर से ऑनलाइन राशन कार्ड करने के लिए फार्म उपभोक्ताओं को थमा दिए जा रहे हैं। इन फार्मो को ऑनलाइन करने के बजाय उनको जमा किया जा रहा है। इस बात को लेकर आये दिन हंगामा हो रहा है। शुक्रवार को भी लोगों ने जमकर हंगामा किया। साथ ही आरोप लगाया कि विभाग की ओर से उपभोक्ताओं के साथ धोखा किया गया है। पहले भी उनकी ओर से कार्डो को ऑनलाइन कराया गया था। इसके लिए उन्होंने तमाम दस्तावेज भी दिए थे। दूसरी ओर क्षेत्रीय पूर्ति अधिकारी महेंद्र सिंह ने बताया कि इस समय नए राशन कार्ड नहीं है। पुराने राशन कार्डो को ऑनलाइन करने में परेशानी आ रही है। स्टाफ की कमी बनी हुई है। मुख्यालय से तीन और बाबुओं की मांग की गई है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। उनके राशन कार्ड को ऑन लाइन ही नहीं किया गया है। चार दिन से वह कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। राशन कार्ड ऑनलाइन नहीं होने से उनका गोल्डन कार्ड भी नहीं बन पा रहा है।

संजीव सैनी बेलडी साल्हापुर पहले वह अटल आयुष्मान योजना के तहत कार्ड बनवाने के लिए लाइन में लग रहे थे। यहां से बताया गया कि उनका राशन कार्ड ऑनलाइन नहीं है। साथ ही राशन कार्ड से परिवार के तीन सदस्यों के नाम भी गायब कर दिए गए हैं।

साकिर अली पुरानी तहसील रुड़की उनके राशन कार्ड को ऑनलाइन नहीं किया गया है। जिसकी वजह से राशन आदि तो मिल ही नहीं रहा था, अब उनका गोल्डन कार्ड भी नहीं बन पा रहा है।

कृष्णचंद वर्मा, चावमंडी लगातार वह दफ्तर के चक्कर काट रहा हैं। लेकिन उसकी समस्या का हल नहीं हो पा रहा है। अधिकारी उपभोक्ताओं की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

डोली, मुंडलाना

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