सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर विकसित होगा श्रीराम मंदिर

अयोध्या में बन रहे श्रीरामजन्म भूमि मंदिर को एशिया की सांस्कृतिक और धार्मिक राजधानी के तौर पर विकसित किया जाएगा। कोशिश रहेगी कि आगे चलकर इसे विश्व की सांस्कृतिक और धार्मिक राजधानी के तौर पर जाना जाए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Jan 2021 10:16 PM (IST) Updated:Wed, 27 Jan 2021 10:16 PM (IST)
सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर विकसित होगा श्रीराम मंदिर
सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर विकसित होगा श्रीराम मंदिर

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: अयोध्या में बन रहे श्रीरामजन्म भूमि मंदिर को एशिया की सांस्कृतिक और धार्मिक राजधानी के तौर पर विकसित किया जाएगा। कोशिश रहेगी कि आगे चलकर इसे विश्व की सांस्कृतिक और धार्मिक राजधानी के तौर पर जाना जाए। इसके लिए श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास आरंभ में एशिया के उन सभी देशों को अपने साथ जोड़ेगा जहां पर सनातन हिदू और रामभक्त रहते हैं।

श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष और भारत माता मंदिर समन्वय सेवा ट्रस्ट के कार्यकारी अध्यक्ष स्वामी गोविद देव गिरि महाराज ने बुधवार को भारत सदन में पत्रकारों को बताया कि न्यास ऐसे रामभक्तों को हर वर्ष भारत लाकर देशाटन करा उन्हें भारतीय सांस्कृतिक-धार्मिक परंपरा, धरोहर और मान्यताओं से रूबरू कराएगा। इसके लिए नेपाल, थाईलैंड, भूटान, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिगापुर, पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव, बांग्लादेश, अफगानिस्तान सहित अन्य देशों में यह अभियान चलाया जाएगा।

स्वामी गोविंद देव ने बताया कि मंदिर निर्माण का नींव की ईट का पहला पत्थर नींव की 15 फीट खोदाई होने के बाद की जाने वाली मिट्टी की जांच के निष्कर्षों पर रखा जाएगा। स्वामी गोविद देव गिरि महाराज ने बताया कि मंदिर का निर्माण तीन चरणों में होगा, पहले चरण में परकोटे के भीतर यानी मुख्य मंदिर का निर्माण, दूसरे चरण में परकोटे के बाहर और तीसरे चरण में 70 एकड़ राममंदिर निर्माण परिसर का विकास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए आइआइटी रुड़की, दिल्ली, गोवाहटी, मुंबई, हैदराबाद और सूरत के विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद ही शुभ मुहूर्त में मंदिर निर्माण को खोदाई का काम आरंभ किया गया है। बताया कि पहले न्यास मंदिर निर्माण को सीमेंट की पाइल्स के माध्यम से नींव को शुरू करने की सोच रहा था पर, बाद में यह फैसला उचित न लगने पर इसके लिए आइआइटी विशेषज्ञों की सलाह ली गई। कहा कि सीमेंट की पाइल्स के जरिये निर्माण के कार्य के स्थायित्व को लेकर सवाल उठ रहे थे। बताया कि मंदिर निर्माण को दस फीट तक नींव की खोदाई हो चुकी है। उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिदू परिषद के समर्पण निधि अभियान कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि स्व. अशोक सिघल ने राममंदिर निर्माण के लिए उल्लेखनीय योगदान दिया था, इसलिए न्यास ने यह कार्य विहिप को सौंपा है। कहा कि यह मंदिर भारत देश के नागरिकों, सनातन हिदू के मानने वाले हर किसी का है। इसलिए हम चाहते थे कि इसके निर्माण में हर किसी का अंशदान हो। इसी सोच को लेकर समर्पण निधि अभियान चलाया गया, जिसके उत्साहजनक परिणाम सामने आ रहे हैं। मंदिर निर्माण के लिए दस दिन में 230 करोड़ रुपये जमा

हरिद्वार: अयोध्या में राममंदिर निर्माण को देश भर में चलाए जा रहे विहिप के समर्पण निधि अभियान के तहत 15 जनवरी से 25 जनवरी तक दस दिनों में 230 करोड़ की धनराशि मंदिर निर्माण के खाते में जमा हो चुकी है। यह जानकारी श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविद देव गिरि महाराज ने दी। उन्होंने बताया कि उनके पास 26 व 27 जनवरी के आंकड़े फिलवक्त उपलब्ध नहीं हैं पर, इन दो दिनों में यह धनराशि और अधिक हुई है। बताया कि हमारा लक्ष्य 11 करोड़ परिवारों तक पहुंचने का है। और हम यह जल्द कर लेंगे। उन्होंने समर्पण निधि अभियान और उसमें भाग ले रहे आम तबके लोगों की भावनाओं की सराहना की।

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