चार माह बाद स्कूलों में टूटा सन्नाटा तो खिल उठे चेहरे

शहर से देहात तक के स्कूलों में चार माह से पसरा सन्नाटा आखिरकार सोमवार को टूट गया। चार माह बाद छात्र स्कूल पहुंचे हालांकि छात्र-छात्राओं की संख्या कम रही। इस दौरान स्कूलों में कोविड गाइडलाइन का पालन कराया गया। इसके अलावा मास्क और सैनिटाइजर भी अनिवार्य किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 09:17 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 09:17 PM (IST)
चार माह बाद स्कूलों में टूटा सन्नाटा तो खिल उठे चेहरे
चार माह बाद स्कूलों में टूटा सन्नाटा तो खिल उठे चेहरे

संवाद सहयोगी, रुड़की: शहर से देहात तक के स्कूलों में चार माह से पसरा सन्नाटा आखिरकार सोमवार को टूट गया। चार माह बाद छात्र स्कूल पहुंचे, हालांकि छात्र-छात्राओं की संख्या कम रही। इस दौरान स्कूलों में कोविड गाइडलाइन का पालन कराया गया। इसके अलावा मास्क और सैनिटाइजर भी अनिवार्य किया गया। वहीं छात्र-छात्राएं अपने दोस्तों से मिलकर बेहद खुश नजर आए।

सोमवार से स्कूल खोलने को लेकर विद्यालय प्रबंधन ने पहले ही पूरी तैयारी कर ली थी। ऐसे में जब सोमवार को छात्र-छात्राएं स्कूल पहुंचे तो सबसे पहले उनका तापमान चेक किया गया। साथ ही उनके हाथों को सैनिटाइज भी कराया गया। कक्षा में भी उन्हें मास्क लगाकर बैठने को कहा गया। कक्षा में बैठने की व्यवस्था भी कोविड गाइडलाइन के अनुसार की गई। हालांकि संख्या काफी कम थी। सामान्य दिनों की अपेक्षा कक्षा नौ में अधिक उपस्थिति रही। राजकीय इंटर कालेज रुड़की के प्रधानाचार्य राम मिलन सिंह ने बताया कि उनके विद्यालय में कक्षा नौ में 186 बच्चे पंजीकृत हैं, जिसमें से 63 बच्चे स्कूल पहुंचे। इसी तरह कक्षा दस में 164 में से 71 और कक्षा 12 में 77 में से 19 बच्चे स्कूल आए। छात्रों की गेट पर ही थर्मल स्क्रीनिग हुई और हाथों को सैनिटाइज कराया गया। बीएसएम इंटर कालेज के प्रधानाचार्य अरुण कुमार सिंह ने बताया कि कक्षा नौ और 11 में छात्रों की संख्या अधिक रही। छात्रों को शारीरिक दूरी का पालन करते हुए बैठाया गया। रामनगर स्थित मूलराज इंटर कालेज की प्रधानाचार्य पुष्पारानी ने बताया कि विद्यालय में कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए छात्राओं का शिक्षण कार्य शुरू किया गया। मुख्य शिक्षा अधिकारी डा. आनंद भारद्वाज ने बताया कि कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए स्कूलों में शिक्षण कार्य शुरू कराया गया। हालांकि विद्यालयों में बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं थी। सबसे अच्छी बात यह है कि बच्चे कोविड को लेकर पूरी तरह से जागरूक हैं। वह स्वयं ही कोविड गाइड लाइन पालन कर रहे हैं।

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दोस्तों से मिल खुश हुए बच्चे

रुड़की: स्कूल खुलने पर छात्र-छात्राओं में उत्साह नजर आया। हालांकि वह कोरोना के चलते विद्यालय परिसर में इधर-उधर नहीं जा सके। उन पर बंदिशें लगी रही। लेकिन कक्षा के साथियों से मिलकर बच्चे बेहद खुश दिखाई दिए। बच्चों ने बताया कि घर में रह-रहकर वह पूरी तरह से बोर हो चुके थे। स्कूल आने पर उन्हें बहुत अच्छा लगा।

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निजी स्कूल करेंगे बैठक

रुड़की: सोमवार को पब्लिक स्कूल नहीं खुले। स्कूलों की ओर से अभिभावकों को भेजे गए सहमति पत्र को लेकर काफी दिक्कतें आ रही हैं। स्कूल संचालकों के अनुसार अभिभावक सहमति पत्र नहीं भेज रहे हैं। सहमति पत्र में लिखना है कि उनका बच्चा स्वस्थ है। वह अपनी मर्जी से बच्चे को स्कूल भेज रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल ऐसा करके अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहते हैं। निजी स्कूल के प्रबंधक व प्रधानाचार्य स्कूल खोलने को लेकर एक बैठक करेंगे। इस बैठक में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट भी शामिल रहेंगी। बैठक दो अगस्त को तय थी, लेकिन वह किन्हीं कारणों से स्थगित हो गई है। एक-दो दिन बाद होने वाली बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार ही निजी स्कूल खोले जाएंगे।

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देहात क्षेत्र में भी खुले स्कूल

भगवानपुर/झबरेड़ा/मंगलौर: देहात क्षेत्र में भी सोमवार को स्कूल खुल गए। स्कूलों में कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए पहले बच्चों की थर्मल स्क्रीनिग हुई। भगवानपुर क्षेत्र के आरएनआइ इंटर कालेज सहित सभी स्कूल खुले। हालांकि बच्चों की संख्या ज्यादा नहीं थी। झबरेड़ा में अटल आदर्श सरस्वती राजकीय बालिका इंटर कालेज व चौधरी भरत सिंह डीएवी इंटर कालेज सहित क्षेत्र के सभी स्कूल खुले। शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया गया। उनसे सहमति पत्र लिए गए। मंगलौर क्षेत्र में भी कक्षा नौ से 12 तक के सभी शासकीय व अशासकीय विद्यालय खुले।

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