अशासकीय स्कूलों को नही मिला दो माह का वेतन

जागरण संवाददाता हरिद्वार जिले में 100 से अधिक अशासकीय जूनियर हाईस्कूल माध्यमिक इंटर क

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 May 2019 08:36 PM (IST) Updated:Mon, 20 May 2019 08:36 PM (IST)
अशासकीय स्कूलों को नही मिला दो माह का वेतन
अशासकीय स्कूलों को नही मिला दो माह का वेतन

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: जिले में 100 से अधिक अशासकीय जूनियर हाईस्कूल, माध्यमिक इंटर कालेज, संस्कृत महाविद्यालय आदि के शिक्षक और स्टाफ को दो माह के वेतन का इंतजार है। वहीं कुछ दिनों में मई भी पूरा होने को है। शिक्षक संघ ने मामले में जिलाधिकारी से मिलकर समस्या के समाधान की मांग भी की थी। शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मियों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है।

जिले में मान्यता प्राप्त अशासकीय 46 जूनियर हाईस्कूल, 40 माध्यमिक इंटर कालेज, 12 डिग्री कालेज और 15 संस्कृत महाविद्यालयों में कार्यरत हजारों शिक्षक और कर्मचारी मार्च, अप्रैल महीने का वेतन अभी नहीं पा सके हैं। शासन से ग्रांट मिलने में विलंब के बाद अब निदेशालय की हीलाहवाली के चलते उनका वेतन भुगतान नही हो पा रहा है। पिछले दिनों माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने हरिद्वार में बैठक के लिए आए अपर निदेशक माध्यमिक से भी मिलकर जल्द वेतन दिलाने की मांग रखी थी। इसके पहले संघ का प्रतिनिधिमंडल मुख्य शिक्षाधिकारी डॉ. आरडी शर्मा, जिलाधिकारी दीपक रावत से भी मिलकर वेतन दिलाने में पहल करने को कहा था। स्थानीय विभागीय अधिकारी शासन और निदेशालय से कदम उठने का इंतजार कर रहे हैं। उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राजेश सैनी का कहना है कि शासन और निदेशालय के अधिकारी शिक्षकों और कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर रहे हैं। समय से ग्रांट न मिलने और मिलने के बाद भी उसकी प्रक्रिया तेजी से आगे न बढ़ाने से सभी के सामने संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों, कालेजों और महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों को एकीकृत वित्तिय प्रबंधन प्रणाली आइएफएमएस साफ़्टवेयर के माध्यम से ही वेतन बिल बनाने में लिपिकों के जानकारी न होने से भी स्थिति विकट हो गई है। प्रांतीय पदाधिकारी भी इस मामले में शासन और निदेशालय के अधिकारियों से लगातार मिलकर वेतन भुगतान की मांग कर चुके हैं। मुख्य शिक्षाधिकारी डॉ. आरडी शर्मा का कहना है कि जानकारी मिली है कि शायद शासन से ग्रांट निदेशालय को मिल गया है। अलग अलग वेतन भुगतान का हेड बन जाने से भुगतान की प्रक्रिया थोड़ी जटिल हो गई है। उम्मीद है जल्द ही निदेशालय स्तर से इस संबंध में कदम उठा लिया जाएगा।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप

chat bot
आपका साथी