फोटो,, सिस्टम ने नहीं सुनी तो खुद कर दी पानी की निकासी

ूं तो सिस्टम की लापरवाही और लेटलतीफी नई बात नहीं है लेकिन सालियर-माधोपुर गांव की मुख्य सड़क को देखकर तो ये लगता है कि यहां का सुधलेवा कोई नहीं है। इस सड़क की स्थिति इतनी जर्जर हो चुकी है कि यह कभी भी किसी की जिंदगी लील सकती है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 09:02 PM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 06:09 AM (IST)
फोटो,,  सिस्टम ने नहीं सुनी तो खुद कर दी पानी की निकासी
फोटो,, सिस्टम ने नहीं सुनी तो खुद कर दी पानी की निकासी

संवाद सहयोगी, रुड़की: सालियर-माधोपुर मार्ग पिछले दस सालों से मरम्मत की बाट जोह रहा है। इस मार्ग पर पसरे गड्ढे अभी तक कई लोगों को जख्मी कर चुके हैं। खासकर बरसात में तो इस मार्ग से चलना खतरों से खाली नहीं है। ये हाल तब है जब कई बार ग्रामीण इसकी शिकायत प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से कर चुके हैं। रविवार सुबह हुई बारिश के चलते ये गड्ढे फिर जलमग्न हो गए। लेकिन इस बार ग्रामीणों ने प्रशासन से शिकायत करने के बजाए खुद ही पानी की निकासी कर डाली।

यूं तो सिस्टम की लापरवाही और लेटलतीफी नई बात नहीं है लेकिन सालियर-माधोपुर गांव की मुख्य सड़क को देखकर तो ये लगता है कि यहां का सुधलेवा कोई नहीं है। इस सड़क की स्थिति इतनी जर्जर हो चुकी है कि यह कभी भी किसी की जिंदगी लील सकती है। रविवार को सड़क पर पसरे गड्ढों से पानी की निकासी करने पहुंचे गांव के जावेद उमर, सावेज अली, जुनैद अली, शाबान, बबलू और शमीम आदि ने बताया कि लंबे समय से ग्रामीण इस क्षतिग्रस्त मार्ग पर आवाजाही कर रहे हैं। कहा कि अगर सिस्टम उनकी नहीं सुनेगा तो वे खुद मिलकर इन गड्ढों को भी भरेंगे। कहा कि वह इस संबंध में झबरेड़ा विधायक एवं अधिकारियों से कई बार शिकायत कर चुके हैं। इस मार्ग से दर्जनभर से अधिक गांव के लोग प्रतिदिन जान जोखिम में रखकर सफर करते हैं।

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फोटो व्हाट्सऐप से भेजा गया: कैप्शन: सालियर-माधोपुर मार्ग पर सड़क में भरे बरसाती पानी की निकासी करते ग्रामीण।

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