हरिद्वार के एक स्कूल में घुसा अजगर, बच्चों में दहशत
हरिद्वार जिले के लालढ़ांग क्षेत्र के एक आवासीय स्कूल में सुबह अजगर घुस आया। इससे बच्चों और शिक्षकों में हड़कंप मच गया। वन विभाग की टीम ने अजगर को पकड़ जंगल में छोड़ दिया।
लालढांग, हरिद्वार [जेएनएन]: श्यामपुर लालढांग क्षेत्र के डालूपुरी गांव स्थित स्थित बालक पद्धति विद्यालय में बुधवार सुबह करीब सात फीट लंबा अजगर घुस गया। अजगर के आने से विद्यालय में हड़कंप मच गया और वहां पढ़ रहे बच्चे दहशत में आ गए। सूचना पर पहुंचे वनकर्मियों ने करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद अजगर को पकड़कर जंगल में छोड़ा।
डालूपुरी में निर्धन एवं एससी-एसटी वर्ग के बच्चों के लिए कक्षा छह से कक्षा आठ तक बालक पद्धति विद्यालय है। बुधवार को 47 बच्चे उपस्थित थे। सुबह विद्यालय के कर्मचारी अशोक कुमार ने क्लास रूम खोला तो उसमें करीब सात फीट लंबा अजगर नजर आया। अशोक ने हड़बड़ाते हुए इसकी सूचना विद्यालय प्रभारी गरिमा मिश्रा को दी।
उन्होंने बच्चों को हॉस्टल में ही रोकते हुए वन विभाग के कर्मचारियों को मौके पर बुलाया। वन विभाग की टीम ने डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत अजगर को पकड़ बोरे में बंद किया और जंगल में छोड़ दिया। जिससे बच्चों के साथ ही स्कूल प्रबंधन ने भी राहत की सांस ली। उसके बाद ही अध्यापन कार्य शुरू हुआ। गरिमा मिश्रा ने बताया कि क्लास रूम में अजगर होने का पता चलते ही सभी बच्चों को कक्षा छात्रावास में ही रोक दिया गया था, जिससे बच्चों के साथ कोई अप्रिय घटना न घटे।
तेंदुआ और हाथी भी आ चुके
जंगल से लगे इलाके में आवासीय विद्यालय के होने के कारण यहां पर जंगली जानवरों की धमक अक्सर रहती है। इसके चलते विद्यालय कर्मियों को बच्चों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सजगता बरतनी पड़ती है। करीब एक सप्ताह पहले ही विद्यालय परिसर में रात के समय तेंदुआ घुस आया था, जबकि एक माह पहले जंगली हाथी विद्यालय में घुस आया था।
पूरी नहीं हुई सुरक्षा गार्ड रखने की मांग
आवासीय विद्यालय परिसर में जंगली जानवरों के लगातार घुस आने की घटनाओं के बावजूद विद्यालय की सुरक्षा खासकर जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए सुरक्षा गार्ड रखने की मांग को शासन और विभागीय स्तर पर पूरी नहीं की गई है।
केएस भंडारी, (वन क्षेत्राधिकारी चिड़ियापुर) का कहना है कि विद्यालय परिसर में अजगर घुसने की सूचना मिलते ही कर्मचारियों को मौके पर भेज दिया गया था। उन्होंने अजगर को पकड़ कर जंगल में छोड़ दिया।
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