मांगों को लेकर गरजे ऊर्जा निगम कर्मचारी, धरना-प्रदर्शन
समान वेतन समेत 14 सूत्रीय मांगों को लेकर ऊर्जा निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले डीजीएम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, रुड़की: समान वेतन समेत 14 सूत्रीय मांगों को लेकर ऊर्जा निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले डीजीएम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान मांग पूरी न होने पर 27 जुलाई की सुबह से कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दी।
शनिवार को उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले ऊर्जा निगम के अधिकारी और कर्मचारी बोट क्लब स्थित ऊर्जा निगम के उप महाप्रबंधक कार्यालय के बाहर एकजुट हुए। इस मौके पर ईई अनिल मिश्रा ने कहा कि ऊर्जा निगम के यूपीसीएल, पिटकुल समेत तीनों निगम के अधिकारी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। सरकार भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही। अमित कटारिया और दीपक शुक्ला ने कहा कि चार साल पहले खत्म की गई एसीपी की व्यवस्था फिर से लागू की जाए। 30 सितंबर 2005 तक नियुक्त कर्मिकों के लिए पेंशन की पुरानी व्यवस्था लागू की जाए। उपनल में काम करने वाले कर्मचारियों को समान वेतन दिया जाए। इसके अलावा उन्होंने ऊर्जा निगम के निजीकरण का विरोध किया। उन्होंने इस पर रोक लगाने की मांग की। साथ ही कहा कि अवर अभियंता व लेखा संवर्ग में कर्मचारियों की नियमित भर्ती की जाए। इंजीनियर राहुल जैन ने कहा कि 14 सूत्रीय मांगों के समर्थन में 26 जुलाई की आधी रात से कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे। 27 जुलाई की पहली पाली से कोई कर्मचारी काम नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि संघर्ष मोर्चा किसी हाल में किसी दबाव में नहीं आएगा। धरने का संचालन दीपक शांडिल्य ने किया। इस मौके पर ईई अमित आनंद, वीके सिंह, एसडीओ विनीत गुप्ता, सजल हटवाल, मनोज कुमार अग्रवाल, प्रियंका, देवेंद्र कुमार, सुनील पोखरियाल, ईश्वर चंद टंडन आदि मौजूद रहे।
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किसान नेताओं ने भी धरने पर पहुंचकर दिया समर्थन: ऊर्जा निगम के कर्मचारियों के धरने को किसान नेताओं ने भी समर्थन दिया। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष पदम रोड ने धरने पर पहुंचकर ऊर्जा निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा कि वह हर तरह से उनके साथ हैं। उनके धरने और हड़ताल को उनका समर्थन है। वहीं उत्तराखंड किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलशन रोड ने भी उन्हें समर्थन दिया।