निजीकरण से महंगी बिजली खरीदने को विवश होंगे उपभोक्ता
इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 के विरोध में ऊर्जा निगम के अधिकारी और कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर काम किया।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 के विरोध में ऊर्जा निगम के अधिकारी और कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर काम किया। कहा कि निजी हाथों में बिजली वितरण व्यवस्था किसी भी सूरत में जाने नहीं दी जाएगी। भविष्य में इसके व्यापक दुष्परिणाम देखने को मिलेंगे। जनता को महंगी बिजली खरीदने को बाध्य होना पड़ेगा।
को ऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलाइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई) के आह्वान पर सोमवार को उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले ऊर्जा निगम के सभी डिवीजनों के अधिकारी और कर्मचारी मायापुर स्थित शहर डिविजन कार्यालय पर एकत्र हुए। वहां उन्होंने हाथों में पोस्टर लेकर अमेंडमेंट बिल का विरोध किया। प्रवक्ता संदीप शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी में जब पूरा देश एकजुट होकर कोरोना से जंग लड़ रहा था। ऐसे में केंद्र सरकार देश के ऊर्जा निगमों का निजीकरण करने में लगी है। जो जनता और ऊर्जा निगमों के अधिकारी और कर्मचारियों के साथ एक प्रकार का धोखा है। ऊर्जा निगम शहर डिवीजन के अधिशासी अभियंता वीएस पंवार ने कहा कि भविष्य में इसके दुष्परिणाम देखने को मिलेंगे। जनता को महंगी बिजली खरीदने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। विद्युत विभाग के अधिकारी और कर्मचारी सरकार की इस जनविरोधी नीति को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। विरोध प्रदर्शन करने वालों में ईई प्रदीप कुमार, पवन कुमार, एसके सहगल, जगदीप कुमार, अमीचंद, प्रियंका गर्ग, प्रियंका अग्रवाल, नीरज सैनी, अरविद कुमार, निमेष कुमार, अजय कुमार धीमान, उपेंद्र दत्त सती,सत्यप्रकाश, राजेश कुमार, सन्नी कुमार, दिनेश कुमार, रविकांत आदि शामिल रहे।