सीएम को काले झंडे दिखाने जा रहे किसानों को पुलिस ने रोका

मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने जा रहे किसानों के तेवर देखकर पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। पुलिस की योजना किसानों को प्रशासनिक भवन से बाहर ना निकलने देने की थी। लेकिन किसान बोट क्लब तक पहुंच गए। इसके बाद किसानों को किसी तरह से समझाकर शांत कराया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 04:47 PM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 04:47 PM (IST)
सीएम को काले झंडे दिखाने जा रहे किसानों को पुलिस ने रोका
सीएम को काले झंडे दिखाने जा रहे किसानों को पुलिस ने रोका

जागरण संवाददाता, रुड़की : मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने जा रहे किसानों के तेवर देखकर पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। पुलिस की योजना किसानों को प्रशासनिक भवन से बाहर ना निकलने देने की थी। लेकिन, किसान बोट क्लब तक पहुंच गए। इसके बाद किसानों को किसी तरह से समझाकर शांत कराया गया।

उत्तराखंड किसान मोर्चा ने सीएम पुष्कर सिंह धामी के शुक्रवार को रुड़की दौरे के दौरान उन्हें काले झंडे दिखाने का एलान किया था। इसके चलते शुक्रवार को सुबह से ही किसान प्रशासनिक भवन में एकत्र होना शुरू हो गए। इस बात की जानकारी जब पुलिस अधिकारियों को मिली तो उन्होंने किसानों को समझाने की कोशिश की। सीओ विवेक कुमार एवं कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अमरचंद शर्मा ने किसानों से वार्ता करते हुए उनको ज्ञापन यहीं पर देने को कहा। लेकिन, किसान नहीं माने। इसके बाद किसान प्रशासनिक भवन से बाहर निकल गए। जिस पर पुलिस ने बोट क्लब पर उनको रोक लिया। सीओ ने हाथ जोड़कर किसानों से आग्रह किया कि वह आगे ना जाए। इसके बाद किसानों का ज्ञापन लिया। ज्ञापन देने वालों में महकार सिंह, सुरेन्द्र लंबरदार, धर्मवीर, समीर आलम, धर्मेन्द्र, आजम, सतवीर, विनोद रोड, आकिल हसन, अनीश प्रधान, भूरा प्रधान आदि शामिल रहे।

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किसानों की प्रमुख मांगे

- गन्ने का दाम 450 रुपये प्रति क्िवटल घोषित हो

- उत्तरप्रदेश की तर्ज पर गन्ने का किराया तय किया जाए

- इकबालपुर चीनी मिल का 180 करोड़ का बकाया वापस हो

- देहात के रास्ते से सीपीयू को हटाया जाए

- जिले में पशु चिकित्सालयों की संख्या को बढ़ाया जाए

- तीनों कृषि सुधार कानून को वापस लिया जाए।

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