जकात व ईद के खर्च से करें जरूरतमंदों की मदद
उलेमाओं ने मुस्लिम समाज से अपील की है कि संपन्न व्यक्ति पूरी ईमानदारी से कार्य करने की अपील की।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार : उलेमाओं ने मुस्लिम समाज से अपील की है कि संपन्न व्यक्ति पूरी ईमानदारी से जकात (दान) अदा करते हुए जरूरतमंदों की मदद करें। यहां तक कि ईद की खरीददारी के लिए खर्च होने वाली रकम से भी जरूरतमंदों तक राशन, खाना पहुंचाएं। खासतौर पर यह नसीहत दी गई है कि बिना जाति-धर्म देखे, निस्वार्थ भाव से गरीब और जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाएं।
रहमतों और बरकतों का महीना कहा जाने वाला रमजान अब अपने अंतिम दौर में है। रमजान माह के रोजे की तरह ही जकात भी इस्लाम के पांच प्रमुख अरकान में से एक है। जिसके तहत हर संपन्न व्यक्ति को अपनी जायदाद का ढाई प्रतिशत हिस्सा हर साल गरीब, यतीम, जरूरतमंदों की मदद के लिए निकालना होता है। इसे जकात कहा जाता है और यह हर संपन्न मुस्लिम का फर्ज है। चूंकि रमजान के महीने में नेकियों का सवाब 70 गुना बढ़ जाता है, इसलिए अमूमन लोग रमजान के महीने में ही जकात अदा करते हैं। वहीं, रमजान के महीने में प्रति व्यक्ति के हिसाब से भी दान दिया जाता है, जिसे फितरा कहा जाता है। गेहूूं की कीमत के लिहाज से फिलहाल यह रकम करीब 35 रुपये प्रति व्यक्ति है। अलविदा जुमे की नमाज में जमीयत उलेमा ए हिदू के सूबाई सदर मौलाना आरिफ कासमी ने रोजेदारों से जकात की फजीलत बयान करते हुए कहा कि ईमानदारी से अपनी जकात अदा करने से जायदाद में बरकत होती है, जबकि जकात न देने वालों को अल्लाह के सामने इसका हिसाब देना होगा। उन्होंने कहा कि पड़ोसी किसी भी जाति-धर्म से ताल्लुक रखता हो, अगर वह भूखा है तो इस्लाम के मुताबिक तुम्हारा निवाला हराम है। इसलिए अपने पड़ोसियों का खास ख्याल रखें। मौलाना इकबाल कासमी ने कहा कि पैगंबर मुहम्मद साहब ने हमेशा दीन, दुखियों, जरूरतमंदों की मदद की है, हमें भी इसी तरह दूसरों के काम आना चाहिए। कहा कि ईद की नमाज से पहले फितरा हर हाल में अदा करें। ताकि जरूरतमंद लोग भी अपने लिए कुछ अच्छा कर सकें। अली मस्जिद के इमाम मुफ्ती शाहनवाज अमजदी ने कोरोना को देखते हुए ईद के त्योहार पर खर्च होने वाली रकम से जरूरतमंदों की मदद की अपील की। उन्होंने कि इबादत से जन्नत मिलती है, लेकिन खिदमत से खुदा मिलता है।
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गुरुवार या शुक्रवार को ईद
हरिद्वार: आने वाले गुरुवार या शुक्रवार को ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाएगा। अगर बुधवार को ईद का चांद नजर आ गया तो गुरुवार को ईद होगी। ऐसा न होने पर शुक्रवार को ईद-उल-फितर का त्योहार तय है। मौलाना नावेद ने बताया कि यह चांद नजर आने पर तय होगा।