गीत और गजलों से मोहम्मद रफी को दी श्रद्धांजलि
सदाबहार गायक मोहम्मद रफी साहब की 41वीं पुण्यतिथि पर ज्वालापुर के सराय में गीतों भरी महफिल का आयोजन हुआ। जिसमें कलाकारों ने गीत और गजल पेशकर मोहम्मद रफी साहब को श्रद्धांजलि दी।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: सदाबहार गायक मोहम्मद रफी साहब की 41वीं पुण्यतिथि पर ज्वालापुर के सराय में गीतों भरी महफिल का आयोजन हुआ। जिसमें कलाकारों ने गीत और गजल पेशकर मोहम्मद रफी साहब को श्रद्धांजलि दी। संगीत प्रेमियों ने महफिल का लुत्फ उठाते हुए मोहम्मद रफी साहब को याद किया।
निवर्तमान ग्राम प्रधान शकील अहमद की ओर से अंसारी मार्किट सराय में आयोजित कार्यक्रम में फुरकान अहमद ने 'किस तरह जीते हैं ये लोग बता दो यारों, प्रमोद ने आने से उसके आई बहार, महबूब अली ने है दुनिया उसी की जमाना उसी का, मकसूद अहमद ने मैं निगाहें तेरे चेहरे से, मेहताब आलम ने तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे, सलीम सरायवाले ने ये जिदगी के मेले दुनिया में कम न होंगे, शाहवेज अली ने मुझको मेरे बाद जमाना ढूंढेगा, शेर आलम ने आखिरी गीत मुहब्बत का सुना लूं तो चलूं, सलीम सिद्दीकी ने यही है तमन्ना तेरे दर के सामने मेरी जान जाए, शाहनवाज ने वाह वाह इस दीवाने दिल ने क्या जादू जगाया, सलीमुद्दीन ने अब क्या मिसाल दूं, नईमुद्दीन ने मुझे इश्क है तुझी से, जावेद ने क्या हुआ तेरा वादा, नसीम काजल ने आज की रात मेरे दिल की सलामी गाकर महफिल में रंग जमा दिया। संचालन करते हुए शायर मुहम्मद सकलैन ज्वालापुरी ने रफी साहब के जीवन से जुड़े कई किस्से सुनाए। निवर्तमान प्रधान शकील अहमद की अध्यक्षता में सजी महफिल में शेर आलम, सलीम, फुरकान, शाहवेज ने विशेष सहयोग दिया। इस दौरान महमूद झंकार, इसरार अहमद, जावेद साबरी, भोलू, फरमान, फराज, जाकिर हुसैन, चांद मुबारिक, प्रवेज आलम, डा. अरशद आदि मौजूद रहे।