आचार्य बालकृष्ण ने कहा- योगगुरु ने कभी भी एलोपैथी का विरोध नहीं किया
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) और फार्मा कंपनियों से 25 सवाल पूछने के बाद वीरवार को योगगुरु बाबा रामदेव ने एलोपैथी पर फिर से यू-टर्न लिया है। उनके हवाले से पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि योगगुरु ने कभी भी एलोपैथी का विरोध नहीं किया।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) और फार्मा कंपनियों से 25 सवाल पूछने के बाद वीरवार को योगगुरु बाबा रामदेव ने एलोपैथी पर फिर से यू-टर्न लिया है। उनके हवाले से पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि योगगुरु ने कभी भी एलोपैथी का विरोध नहीं किया। उनकी आपत्ति आइएमए के कार्य व्यवहार और अनर्गल आरोपों पर है। कहा कि, उन्हें आइएमए से सवालों के जवाब का इंतजार है। यह भी स्पष्ट किया कि आइएएमए के नोटिस का जवाब नोटिस के माध्यम ही दिया जाएगा।
आचार्य बालकृष्ण ने बातचीत में कहा कि योगगुरु बाबा रामदेव ने कभी भी किसी चिकित्सा पद्धति का विरोध नहीं किया और ना ही उसे गलत साबित किया। रोग के प्रबल अवस्था में होने की दशा में उसके फौरी उपचार के लिए एलोपैथी के इस्तेमाल करने हमने कभी आपत्ति नहीं की। तमाम मौकों पर हम भी यही सलाह देते हैं। लेकिन, इस स्थिति से बाहर निकलने के बाद ङ्क्षजदगी भर एलोपैथिक दवा खिलाते रहें, यह सही नहीं है।
आचार्य ने कहा कि, हम सभी चिकित्सा पद्धति और पैथियों का सम्मान करते हैं पर, इसका मतलब नहीं है कि कोई हमारा अपमान करे। हम इसे चुपचाप सहन नहीं कर सकते। बाबा रामदेव ने आइएमए के आयुर्वेद चिकित्सा को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान का विरोध किया है। आरोप लगाया कि आइएमए ने ऐसा करके राष्ट्र का अपमान किया है, राष्ट्रवादी भारतीयों का अपमान किया है। इसके लिए आइएमए को सार्वजनिक रूप से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।
आइएमए के एक हजार करोड़ रुपये के मानहानि नोटिस के संदर्भ में उन्होंने सवाल किया कि आइएमए दो फीसद कोर्ट फीस के रूप में 20 करोड़ की रकम कहां से लाएगा। अलबत्ता, नोटिस का नोटिस के जरिये ही जवाब दिया जाएगा। आचार्य बालकृष्ण ने यह भी कहा कि बाबा रामदेव के हालिया बयानों को गलत संदर्भ में लिया गया है, इसके गलत अर्थ-निहतार्थ निकाले गए।
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