बारिश से धान की फसल को नुकसान, किसान परेशान

बीते दो दिन से हो रही बारिश से खेतों में तैयार खड़ी धान तिल और उड़द की फसल को भारी नुकसान की आशंका बनी हुई है। तेज हवा और बारिश से धान की फसल खेतों में बिछ गई है। हालांकि गन्ने की फसल को फायदा हुआ है। गेहूं की बुआई के लिए खेत तैयार करने में जुटे किसानों को भी बारिश से राहत मिली है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 06:08 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 06:08 PM (IST)
बारिश से धान की फसल को नुकसान, किसान परेशान
बारिश से धान की फसल को नुकसान, किसान परेशान

संवाद सूत्र, बहादराबाद: बीते दो दिन से हो रही बारिश से खेतों में तैयार खड़ी धान, तिल और उड़द की फसल को भारी नुकसान की आशंका बनी हुई है। तेज हवा और बारिश से धान की फसल खेतों में बिछ गई है। हालांकि गन्ने की फसल को फायदा हुआ है। गेहूं की बुआई के लिए खेत तैयार करने में जुटे किसानों को भी बारिश से राहत मिली है।

जिले में गन्ना और गेहूं के बाद धान की सर्वाधिक खेती होती है। इस बार जिले में 14 हजार हेक्येटर जमीन पर धान की रोपाई की गई थी। फसल कमोबेश पककर तैयार हो चुकी है। किसानों ने फसल समेटना भी शुरू कर दिया था। लेकिन, रविवार सुबह से हो रही लगातार बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। तेज हवा और बारिश से किसानों की पकी धान की फसल खेतों में बिछ गई है। ऐसे में किसानों को फसल खराब होने का डर सता रहा है। तिल और उड़द को भी बारिश से नुकसान पहुंचा है। हालांकि बारिश से गन्ने की फसल को फायदा हुआ है। बहादराबाद, बोंगला, रोहलकी, अहमदपुर ग्रंट, सहदेवपुर, दीनारपुर, डांडी, सुभाष गढ़ आदि क्षेत्र के किसानों का कहना है कि धान, उड़द और तिल की बुआई के समय ठीकठाक बारिश से अच्छी पैदावार की उम्मीद थी, लेकिन दो दिन से हो रही बारिश से नुकसान का अंदेशा बना है। मौसम विभाग की मानें तो सोमवार को भी बारिश की संभावना है। कृषि केंद्र धनौरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. विनोद चौधरी का कहना है कि लगातार बरसात से धान, उड़द और तिल को भारी नुकसान पहुंचा है। साथ ही किसान सरसों की बुआई के लिए खेत तैयार करने में जुटे थे। बरसात से सरसों की बुआई लेट हो जाएगी, इससे नुकसान की आशंका है। हालांकि गेहूं की बुआई के लिए खेत तैयार करने में जुटे किसानों को बारिश से राहत मिली है। मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी ने बताया कि बारिश से धान की 10-15 फीसद फसल को नुकसान पहुंचने का अंदेशा है। सही आकलन किया जा रहा है। उधर, लालढांग में भी पके धान की बालियां खेतों में बिछ गई, जिससे किसानों के चेहरे मुरझा गए। किसान देवराज पाल, नंदराम पाल, नरेश पाल, बबलू ने बताया कि इस बार धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है।

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