दूसरे दिन भी टूटी ऑक्सीजन सप्लाई की चेन, दौड़े अफसर

बीती गुरुवार से सबक लेते हुए ऊर्जा निगम ने अपनी सुस्त कार्यशैली में कोई सुधार नहीं किया। शुक्रवार को भी सात घंटे तक विद्युत आपूर्ति ठप रहने के कारण इमलीखेड़ा स्थित मां गंगा गैसेस फैक्ट्री की ऑक्सीजन सप्लाई चेन टूट गई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 07:34 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 07:34 PM (IST)
दूसरे दिन भी टूटी ऑक्सीजन सप्लाई की चेन, दौड़े अफसर
दूसरे दिन भी टूटी ऑक्सीजन सप्लाई की चेन, दौड़े अफसर

जागरण संवाददाता, रुड़की: बीती गुरुवार से सबक लेते हुए ऊर्जा निगम ने अपनी सुस्त कार्यशैली में कोई सुधार नहीं किया। शुक्रवार को भी सात घंटे तक विद्युत आपूर्ति ठप रहने के कारण इमलीखेड़ा स्थित मां गंगा गैसेस फैक्ट्री की ऑक्सीजन सप्लाई चेन टूट गई। इसके बाद ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता से लेकर तमाम अफसर मौके पर दौड़ पड़े। फीडर से लोड को कम कराकर शाम को आपूर्ति सुचारू की गई।

कोरोना संक्रमण काल में देशभर में ऑक्सीजन की मांग लगातार बढ़ रही है। इस समय ऑक्सीजन की कमी की बात किसी से छिपी नहीं है। बावजूद इसके ऊर्जा निगम सतर्कता बरतने के बजाय सुस्त चाल चल रहा है। इमलीखेड़ा स्थित ऑक्सीजन गैस फैक्ट्री में गुरुवार को बिजली आपूर्ति ठप रहने से उत्पादन नहीं हो सका था। ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. नीरज खैरवाल के हस्तक्षेप के बाद आपूर्ति में कुछ सुधार हुआ। लेकिन, शुक्रवार सुबह चार बजे लाइन में फिर से फॉल्ट आ गया। इसके साथ ही ऑक्सीजन का उत्पादन भी ठप हो गया। फैक्ट्री के बाहर एम्स ऋषिकेश, सहारनपुर जिले के पिलखनी स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज, देहरादून के दो निजी अस्पताल और हरिद्वार के एक अस्पताल की गाड़ी ऑक्सीजन सिलिंडर के इंतजार में खड़ी रही। मामला एमडी के संज्ञान में आने के बाद हरिद्वार से मुख्य अभियंता संजय टम्टा, उप महाप्रबंधक राहुल जैन, इंजीनियर और कर्मचारियों को साथ लेकर मौके पर पहुंचे। इसके बाद लाइन की पेट्रोलिग की गई। साथ ही फैक्ट्री में जाने वाले फीडर के लोड को कम कर दिया गया। उप महाप्रबंधक राहुल जैन ने बताया कि अब इस फीडर पर तीन-चार ही फैक्ट्री रह गई है।

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गांव की सप्लाई से जुड़ी है फैक्ट्री

उप महाप्रबंधक राहुल जैन ने बताया कि यह फैक्ट्री गांव की लाइन से जुड़ी हुई है। पूर्व में इतनी इमरजेंसी नहीं थी, लेकिन कोरोना संक्रमण बढ़ने के चलते अब ऑक्सीजन की मांग काफी अधिक बढ़ गई है। ऐसे में यह स्थिति उत्पन्न हुई है। फैक्ट्री में जेनरेटर की सुविधा नहीं है। इसलिए अब इसका फीडर अलग करने पर विचार किया जा रहा है। इस संबंध में मुख्य अभियंता ने भी कुछ निर्देश दिए हैं।

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