सिस्टम नहीं, अब मौसम देगा डेंगू को मात
डेंगू ने शहर से देहात तक कहर बरपाया हुआ है। स्वास्थ्य विभाग इस पर काबू पाने में फेल साबित हो रहा है। जिससे क्षेत्र वासियों को सिस्टम से राहत की उम्मीद नहीं है लेकिन मौसम को लेकर क्षेत्रवासियों को पूरी आस है। चिकित्सक भी खुद इस बात को कह रह हैं कि जैसे-जैसे मौसम में ठंडक बढ़ेगी।
संवाद सहयोगी, रुड़की: डेंगू ने शहर से देहात तक कहर बरपाया हुआ है। स्वास्थ्य विभाग इस पर काबू पाने में फेल साबित हो रहा है। जिससे क्षेत्र वासियों को सिस्टम से राहत की उम्मीद नहीं है, लेकिन मौसम को लेकर क्षेत्रवासियों को पूरी आस है। चिकित्सक भी खुद इस बात को कह रह हैं कि जैसे-जैसे मौसम में ठंडक बढ़ेगी। उसकी के साथ डेंगू दो से तीन माह के भीतर समाप्त हो जाएगा। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. गुरनाम सिंह ने बताया कि मौसम में ठंडक बढ़ रही है। 20 डिग्री सेल्सियस तापमान आने पर डेंगू निष्क्रिय हो जाएगा। दीपावली के बाद काफी राहत मिलने की उम्मीद है।
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डेंगू के लक्षण
- डेंगू बुखार के लक्षण मच्छर के काटने के 4-7 दिनों में दिखते हैं। कभी-कभी इसमें 14 दिनों का समय भी लगता है।
- बुखार अक्सर तेज होता है और दिन में 4-5 बार आता है।
-डेंगू बुखार 7-10 दिनों तक बना रहता है और अपने आप ठीक हो जाता है। बुखार से प्रभावित कुछ मरीजों से को ही हास्पिटल ले जाने की जरूरत होती है।
- डेंगू के सामान्य लक्षण हैं। बुखार, ते•ा बदन दर्द, सिर दर्द और आंखों के पीछे व शरीर पर दाने या चकते हो जाते हैं।
- क्लासिकल डेंगू फीवर एक नार्मल वायरल फीवर है। इसमें तेज बुखार, बदन दर्द, तेज सिर दर्द, शरीर पर दाने जैसे लक्षण दिखते हैं। यह डेंगू 5-7 दिन के सामान्य इलाज से ठीक हो जाता है।
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डेंगू से बचाव के उपाय
.-डेंगू के बचाव के लिए मच्छरों को पैदा होने से रोकना और काटने से रोकना, दोनों जरूरी हैं:
-कहीं भी खुले में पानी रुकने या जमा न होने दें। साफ पानी भी गंदे पानी जितना ही खतरनाक है। पानी पूरी तरह ढककर रखें। कूलर, बाथरूम, किचन आदि में जहां पानी रुका रहता है में दिन में एक बार मिट्टी का तेल डाल दें। ऐसा करने से उनमें मच्छरों के अंडे डिवेलप नही होंगे।
- एसी: अगर विडो एसी के बाहर वाले हिस्से के नीचे पानी टपकने से रोकने के लिए ट्रे लगी हुई है तो उसे रोज खाली करना न भूलें। उसमें भी ब्लीचिग पाउडर डाल कर रख सकते हैं।
-कूलर: इसका इस्तेमाल बंद कर दें। अगर नहीं कर सकते तो उसका पानी रोज बदलें और उसमें ब्लीचिग पाउडर या बोरिक एसिड जरूर डालें।
-गमले: ये चाहे घर के भीतर हों या बाहर, इनमें पानी जमा न होने दें। गमलों के नीचे रखी ट्रे भी रोज खाली करना न भूलें।
-छत: छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें या उलटा करके रखें। पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद करके रखें।
- ड्राइंगरूम: घर के अंदर सभी जगहों में हफ्ते में एक बार मच्छरनाशक दवाई का छिड़काव जरूर करें। डाइनिग टेबल में सजाने के लिए रखे फूलों या फूलों के बर्तन में पानी रोज बदलें