इंजीनियरिग सिस्टम में बदलाव को विचारों एवं साधनों का आदान-प्रदान जरूरी

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की में शुक्रवार को तीन दिवसीय इंजीनियरिग सिस्टम में इनोवेटिव एवं इमर्जिंग ट्रेंड पर 43वें राष्ट्रीय सिस्टम्स कान्फ्रेंस (एनएससी-2019) का शुभारंभ हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Dec 2019 08:27 PM (IST) Updated:Sat, 07 Dec 2019 06:16 AM (IST)
इंजीनियरिग सिस्टम में बदलाव को विचारों एवं साधनों का आदान-प्रदान जरूरी
इंजीनियरिग सिस्टम में बदलाव को विचारों एवं साधनों का आदान-प्रदान जरूरी

जागरण संवाददाता, रुड़की: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की में शुक्रवार को तीन दिवसीय इंजीनियरिग सिस्टम में इनोवेटिव एवं इमर्जिंग ट्रेंड पर 43वें राष्ट्रीय सिस्टम्स कान्फ्रेंस (एनएससी-2019) का शुभारंभ हुआ। इसका मकसद सिस्टम्स मूवमेंट और इसके उपयोगों को अधिक सक्षम बनाना है।

आइआइटी रुड़की के डिपार्टमेंट ऑफ मैकेनिकल एंड इंडस्ट्रियल इंजीनियरिग में आयोजित सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में इंस्ट्रूमेंट्स आर एंड डी इस्टेबलिशमेंट (आइआरडीइ) देहरादून के निदेशक बेंजामिन लियोनेल उपस्थित रहे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारे देश में इंजीनियरिग सिस्टम में बड़े बदलाव के लिए प्रगतिशील विचारों और साधनों के नियमित आदान-प्रदान करने के लिए ऐसे मंचों की बहुत अहमियत है। इस दौरान सिस्टम्स सोसायटी ऑफ इंडिया (एसएसआइ) की ओर से पुरस्कार भी दिए गए। एसएसआइ पुरस्कार समिति ने आइआइटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी को एसएसआइ लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया। वहीं सम्मेलन में लिटरेरी एवं कनशसनेस सिस्टम्स, मटीरियल्स सिस्टम्स, रोबोटिक सिस्टम्स, डायनामिक सिस्टम्स, स्पेस सिस्टम्स, मैन्युफैक्चरिग सिस्टम्स, एनर्जी सिस्टम्स, थर्मल सिस्टम्स, कंट्रोल सिस्टम्स, मैथेमैटिकल सिस्टम्स, डाटा एनालिटिक्स और सोलर एनर्जी सिस्टम्स पर तकनीकी सत्र हुए। इस मौके पर प्रो. एनएस व्यास, प्रो. सुशील, प्रो. एचके मलिक, प्रो. एसके द्विवेदी, प्रो. पीके कनकर आदि उपस्थित रहे।

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