मां गंगा की हालत आइसीयू में भर्ती मरीज जैसी: चौधरी

प्रदेश व्यापार मंडल के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष संजीव चौधरी के नेतृत्व में मातृसदन आश्रम पहुंचकर गंगा रक्षा को लेकर तपस्या कर रहे मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद और ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को समर्थन दिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Mar 2021 08:05 PM (IST) Updated:Thu, 25 Mar 2021 08:05 PM (IST)
मां गंगा की हालत आइसीयू  में भर्ती मरीज जैसी: चौधरी
मां गंगा की हालत आइसीयू में भर्ती मरीज जैसी: चौधरी

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: प्रदेश व्यापार मंडल के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष संजीव चौधरी के नेतृत्व में मातृसदन आश्रम पहुंचकर गंगा रक्षा को लेकर तपस्या कर रहे मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद और ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को समर्थन दिया।

प्रदेश अध्यक्ष संजीव चौधरी ने कहा कि स्वामी शिवानंद का जीवन देश और धर्म के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। वह स्वामी जी से अनुरोध करते हैं कि वह अपने प्राणों के त्याग का निर्णय वापस लें। समाज को उनकी बहुत जरूरत है और राज्य और केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि तत्काल अपनी सत्ता की हठधर्मिता छोड़ अनशन कर रहे संतों से वार्ता करें। मां गंगा की रक्षा के लिए ठोस क़ानून बनाकर उसे सख्ती से लागू करें। चौधरी ने कहा कि मां गंगा की हालत आज आइसीयू में भर्ती मरीज के समान हो गई है। यदि जल्द ठोस प्रयास नहीं किए गए तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं। मातृ सदन के संतों ने पहले भी मां गंगा के लिए अनेक बलिदान दिए हैं। ये वचन वाले संत हैं, इसलिए सरकार को जल्दी निर्णय लेना चाहिए अन्यथा प्रदेश व्यापार मंडल भी आंदोलन का रास्ता अपनाएगा, जिसके परिणाम की जिम्मेदारी सरकार की होगी। समर्थन देने वालों मे व्यापारी नेता संजीव कुमार, विजय धीमान, सुरेश मखीजा, विकास बोहरा, अरविद चौधरी, विपिन राणा, दीपक काला, पुष्पेंद्र गुप्ता, मिथिलेश वर्मा, जगदीप भारद्वाज आदि शामिल रहे।

गंगा को नष्ट करने को लेकर चल रहा बड़े स्तर पर षडयंत्र: शिवानंद

हरिद्वार: स्वामी शिवानंद ने अपने तप के 13 वें दिन कहा कि एक ओर उन्हें आइआइटी कानपुर ने सूचना अधिकारी में गंगा पर अध्ययन करने की बात कही है जबकि अब उन्हें पत्र भेजकर अध्ययन नहीं करने की बात कही जा रही है। इससे साफ है कि गंगा को नष्ट करने को लेकर बड़े स्तर पर षड्यंत्र चल रहा है। इसके लिए मातृसदन आंदोलन करता रहेगा। इधर ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद का 31 वें दिन भी तप जारी रहा।

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