आंगनबाड़ी केंद्र से मिले नमक में रेत की मिलावट
आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं और पोषाहार की आपूर्ति करने वाले व्यक्तियों की मिलीभगत महिलाओं और गर्भ में पल रहे शिशुओं की सेहत पर भारी पड़ रही है।
संवाद सूत्र, लक्सर: आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं और पोषाहार की आपूर्ति करने वाले व्यक्तियों की मिलीभगत महिलाओं और गर्भ में पल रहे शिशुओं की सेहत पर भारी पड़ रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर महिलाओं को जहां निम्न गुणवत्ता का पोषाहार दिया जा रहा है, वहीं नमक तक में रेत की मिलावट पकड़ी गई है। एसडीएम ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं और शिशु को जन्म देने के बाद तीन वर्ष तक टेक होम योजना के तहत पोषाहार उपलब्ध कराया जाता है। योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायतें मिलती रहती हैं। आरोप है कि कई केंद्र पर पोषाहार वितरित ही नहीं होता। कई केंद्र पर आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता और पोषाहार उपलब्ध कराने वाले ठेकेदारों की मिलीभगत से मिलावटी और निम्न गुणवत्ता वाला पोषाहार वितरित कर औपचारिकता पूरी कर ली जाती है। लंबे समय से चल रहे इस गोरखधंधे की जानकारी होने पर भी विभागीय अधिकारियों की चुप्पी इसमें मिलीभगत की ओर इशारा करती है। ऐसा एक और मामला सामने आया है। सेठपुर गांव में गर्भवती महिला को आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता की ओर से दिए गए नमक के पैकेट में बड़ी मात्रा में रेत निकला है। कांग्रेस के प्रदेश सचिव बालेश्वर सिंह ने बताया कि गर्भवती के यहां भोजन करते समय किरकिरा होने पर उन्होंने नमक के पैकेट को देखा, नमक को पानी में डालकर देखने पर उसमें बड़ी मात्रा में रेत पाया गया। इस पर उन्होंने दूसरा पैकेट भी चेक किया तो उसमें भी रेत की मिलावट मिली। बालेश्वर सिंह ने बताया कि इस प्रकार निम्न गुणवत्ता और मिलावटी पदार्थ खाने से गर्भवती महिला और उसके गर्भ में मौजूद शिशु की जान को खतरा हो सकता है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन सीडीपीओ ने कुंभ में व्यस्त होने की बात कही, जिसके बाद उन्होंने अब उच्चधिकारियोंको शिकायत की बात कही है। वहीं इस बाबत एसडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। यह गंभीर बात है। इसकी जांच कराई जा रही है। जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।