अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने किया श्राइन बोर्ड और स्लॉटर हाउस का विरोध

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने उत्तराखंड सरकार से श्राइन बोर्ड बनाने और मंगलौर में बन रहे स्लॉटर हाउस निर्माण के फैसले को बिना शर्त वापस लेने की मांग की है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 08:30 PM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 08:50 PM (IST)
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने किया श्राइन बोर्ड और स्लॉटर हाउस का विरोध
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने किया श्राइन बोर्ड और स्लॉटर हाउस का विरोध

हरिद्वार, जेएनएन। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने हरिद्वार के मंगलौर में स्लॉटर हाउस निर्माण और चारधामों के लिए श्राइन बोर्ड बनाने के फैसले का विरोध किया है। साथ ही इसे वापस लेेने की मांग का प्रस्ताव पारित किया। यह भी तय किया कि इन मसलों पर मुख्यमंत्री से मुलाकात की जाएगी। 

मंगलवार को हुई निरंजनी अखाड़े में हुई  बैठक में वक्ताओं ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार के पास राज्य की व्यवस्थाओं को चलाने के लिए धन की कमी हो गई है, इसलिए वह मठ-मंदिरों और आश्रमों पर कब्जा करने की सोच रही है। परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि बैठक में फैसला किया गया कि श्राइन बोर्ड और स्लाटर हाऊस को कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा। परिषद हर स्तर पर इसका विरोध करेगी। गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ङ्क्षसह रावत से मुलाकात कर उनसे श्राइन बोर्ड और स्लॉटर हाउस के निर्माण का फैसला वापस लेने की मांग की जाएगी। साथ ही कुंभ मेला होने तक हरिद्वार जिले में मांस-मछली की बिक्री को प्रतिबंधित करने का आग्रह किया जाएगा। 

कुंभ पर नहीं हुई चर्चा

बैठक में कुंभ मेला से संबंधित मामलों पर भी चर्चा होनी थी, लेकिन परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि के हरिद्वार से बाहर होने के चलते चर्चा नहीं हो पाई। अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि बुधवार को दोपहर इस मुद्दे पर बैठक होगी। कुंभ कार्यों व व्यवस्थाओं संबंधी प्रस्ताव इसमें पारित किए जाएंगे। परिषद अध्यक्ष ने कुंभ मेला कार्यों की गति को धीमा बताया। 

न्यास में मिले प्रतिनिधित्व

अखाड़ा परिषद ने श्रीराम मंदिर निर्माण न्यास ट्रस्ट में प्रतिनिधित्व की मांग उठाई। परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि राममंदिर निर्माण आंदोलन में गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर रहे महंत दिग्विजयनाथ, महंत अवैधनाथ ने न सिर्फ योगदान दिया, बल्कि त्याग भी किया। इसी तरह अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व पदाधिकारियों ने भी राममंदिर आंदोलन के लिए बलिदान दिया था, वर्तमान पदाधिकारी भी उनके साथ थे। इसलिए परिषद और अन्य अखाड़ों को शासकीय न्यास में प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए।

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परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र ने बताया कि हरिगिरि के हरिद्वार पहुंचने पर बुधवार दोपहर तीन बजे दोबारा निरजनी अखाड़े में बैठक होगी। इसमें कुंभ कार्यों और व्यवस्थाओं पर चर्चा होगी। साथ ही प्रस्ताव पारित किया जाएगा, जिसके बाद गुरुवार को देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ चर्चा की जाएगी। चर्चा के दौरान श्राइन बोर्ड और स्लॉटर हाउस के निर्माण का फैसला तुरंत वापस लेने को कहा जाएगा। साथ ही उनसे कुंभ मेला होने तक हरिद्वार जिले में मांस-मछली की बिक्री पर प्रतिबंधि लगाने की मांग की जाएगी। 

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