मातृसदन ने रुपेंद्र प्रकाश को भेजा सौ करोड़ का नोटिस

श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य की गिरफ्तारी के मामले में मातृसदन ने स्वामी रुपेंद्र प्रकाश को सौ करोड़ रुपये और प्रो. सत्यदेव निगमालंकार को 20 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भेजा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 09:25 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 09:25 PM (IST)
मातृसदन ने रुपेंद्र प्रकाश को भेजा सौ करोड़ का नोटिस
मातृसदन ने रुपेंद्र प्रकाश को भेजा सौ करोड़ का नोटिस

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य की गिरफ्तारी के मामले में मातृसदन ने स्वामी रुपेंद्र प्रकाश को सौ करोड़ रुपये और प्रो. सत्यदेव निगमालंकार को 20 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भेजा है। पुलिस पर समझौते का दबाव बनाने का आरोप लगाने के साथ ही उत्तराखंड संस्कृत विवि के कुलपति व हलफनामा देने वाले शिक्षक पर भी मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने सवाल उठाए हैं। पूरे मामले में डीजीपी को पत्र भेजकर निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की गई है।

मातृसदन में पत्रकारों से वार्ता करते हुए स्वामी शिवानंद महाराज ने कहा कि श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान से संचालित है और यूजीसी के नियमानुसार भारत सरकार की आदर्श योजना के अनुसार चलता है। विश्वविद्यालय की ओर से एक नामित सदस्य देने के अलावा महाविद्यालय पर राज्य सरकार का कोई नियम लागू नहीं होता है। इसलिए महाविद्यालय के संचालन के लिए बनाई गई समिति राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान की नियमावली के अनुकूल बनी है। समिति का नामांतरण कराने के लिए चिट एंड फंड में भेजा गया है। स्वामी शिवानंद ने कहा कि रजिस्ट्रेशन और मतांतरण का अंतर पुलिस और आरोप लगाने वाले समझ नहीं पा रहे हैं। प्रबंध समिति बनाने के बाद चिट फंड में नामांतरण कराना प्रबंध समिति का अधिकार है। इसमें अपराध कुछ भी नहीं है। स्वामी शिवानंद ने पुलिस को हलफनामा देने वाले नामित सदस्य डा. अरविद नारायण मिश्र के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब वह प्रबंध समिति में शामिल हैं, तो यह कैसे संभव है कि चिट एंड फंड को भेजे गए नामांतरण में शामिल नहीं है। जबकि समितियां दो नहीं, बल्कि एक ही हैं। उन्होंने कहा कि भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय उत्तराखंड का सर्वोत्तम संस्कृत महाविद्यालय है। उन्होंने उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके विवि से संबद्ध महाविद्यालय के प्राचार्य को पुलिस गिरफ्तार कर लेती है, लेकिन कुलपति का कोई बयान नहीं आता है। आरोप लगाया कि पुलिस समझौते का दबाव बना रही है। संस्कृत संस्थानों और विद्वानों का अपमान मातृसदन बर्दाश्त नहीं करेगा। वहीं, इस मामले में उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति से भी उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, मगर कई बार मोबाइल पर संपर्क करने पर भी उनसे बात नहीं हो सकी।

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सीएम बदलते ही गिरफ्तारी

हरिद्वार: स्वामी शिवानंद ने कहा कि महाविद्यालय की प्रबंध समिति को लेकर ज्वालापुर कोतवाली में साल 2019 में मुकदमा हुआ था। अभी तक चार जांच अधिकारी बदले गए। मुकदमे में कुछ था नहीं, इसलिए किसी को गिरफ्तारी का साहस नहीं हुआ, लेकिन पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनते ही गिरफ्तारी हो गई।

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