स्वामी कैलाशानंद गिरि का दावा, कुछ ही शब्द लिख पाते थे श्रीमहंत नरेंद्र गिरि; सुसाइड नोट में किए हस्ताक्षर भी गलत

Mahant Narendra Giri Death Case निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा श्रीमहंत नरेंद्र गिरि को दो-चार शब्द छोड़कर लिखना नहीं आता था। ऐसे में साफ है कि उनके नाम पर किसी और ने सुसाइड नोट लिखा है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 07:16 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 07:16 PM (IST)
स्वामी कैलाशानंद गिरि का दावा, कुछ ही शब्द लिख पाते थे श्रीमहंत नरेंद्र गिरि; सुसाइड नोट में किए हस्ताक्षर भी गलत
स्वामी कैलाशानंद गिरि का दावा, कुछ ही शब्द लिख पाते थे श्रीमहंत नरेंद्र गिरि।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Mahant Narendra Giri Death Case श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की मौत की पुलिस व एसआइटी जांच हाईकोर्ट के पांच सदस्यीय जज के पैनल की निगरानी में किए जाने की मांग की है। 

बुधवार को प्रयागराज से दैनिक जागरण से फोन पर हुई बातचीत में श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की मौत को हत्या करार देते हुए कहा कि जिस कमरे में वह मृत मिले, वह उनका कमरा नहीं था। वह अपने ही बिस्तर और कमरे में सोते थे। उन्होंने सवाल उठाया कि जिस कमरे में उनका शव मिला उसका दरवाजा टूटा हुआ नहीं पाया गया, इससे साफ है कि वह अंदर से बंद नहीं था, दरवाजे के तोड़े जाने, उसे धक्का देकर खोले जाने की बात गलत व बेबुनियाद है। हत्या के राज पर पर्दा डालने को तैयार की गई है।

उन्होंने श्रीमहंत के कथित सुसाइड नोट को भी फर्जी करार दिया। कहा कि श्रीमहंत नरेंद्र गिरि और उनका साथ 25 से 30 वर्ष पुराना था। उन्होंने दावा किया कि श्रीमहंत नरेंद्र गिरि को दो-चार या कुछ शब्द छोड़कर लिखना नहीं आता था और न ही उन्हें लिखने का कोई अभ्यास ही था। इसलिए श्रीमहंत का आत्महत्या करने से पहले आठ पेज का सुसाइड नोट लिखना न सिर्फ समझ से परे, बल्कि गलत है।

वहीं निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने मंगलवार को प्रयागराज बाघम्बरी मठ आए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले की जांच हाईकोर्ट जज की निगरानी में कराए जाने की मांग की। दावा किया कि मुख्यमंत्री ने उनकी मांग पर ऐसा किए जाने का उन्हें भरोसा दिया।

यह भी पढ़ें- जानें कौन हैं बलवीर पुरी, जिन्हें श्रीमहंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट में उत्तराधिकारी के तौर पर किया गया पेश

chat bot
आपका साथी