आर्किटेक्ट्स साइट व क्लाइमेट को ध्यान में रखकर विकसित करें डिजाइन

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की की ओर से आयोजित एपी कनविदे मेमोरियल लेक्चर सीरीज के उद्घाटन संस्करण में आर्किटेक्चर पर ज्ञानवर्धक चर्चा हुई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 08:02 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 08:02 PM (IST)
आर्किटेक्ट्स साइट व क्लाइमेट को ध्यान में रखकर विकसित करें डिजाइन
आर्किटेक्ट्स साइट व क्लाइमेट को ध्यान में रखकर विकसित करें डिजाइन

जागरण संवाददाता, रुड़की: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की की ओर से आयोजित एपी कनविदे मेमोरियल लेक्चर सीरीज के उद्घाटन संस्करण में आर्किटेक्चर पर ज्ञानवर्धक चर्चा हुई। यह लेक्चर, आर्किटेक्चर व प्लानिग विभाग की ओर से दिवंगत आर्किटेक्ट पद्मश्री एपी कनविदे के सम्मान में आयोजित किया गया। उद्घाटन सत्र का विषय 'आर्किटेक्चर इन कॉन्टेक्स्ट' था।

ऑनलाइन लेक्चर में हार्वर्ड विश्वविद्यालय (यूएसए) के प्रोफेसर और प्रख्यात आर्किटेक्ट राहुल मेहरोत्रा ने कहा कि आर्किटेक्ट्स और प्रशिक्षुओं को साइट, क्लाइमेट आदि का ध्यान रखते हुए डिजाइन विकसित करना चाहिए। यहां तक कि इस प्रक्रिया में व्यक्तियों की जीवन शैली, संस्कृति और जगह के इतिहास जैसी बातों की प्रासंगिकता को भी शामिल करने की आवश्यकता है। उन्होंने हाउसिग से लेकर वर्कप्लेस तक की छोटी और बड़ी परियोजनाओं को डिजाइन करते समय लोकल क्लाइमेट और ह्यूमन कंटेक्स्ट के अनुरूप अभिनव तरीके अपनाएं। उन्होंने स्विट्जरलैंड के बेसल स्थित नोवार्टिस कैंपस के लैब ऑफ द फ्यूचर और सीईपीटी अहमदाबाद के स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर की लाइब्रेरी व जयपुर में 100 हाथियों और उसके रखवालों के लिए एक यूनिक सोशल हाउसिग प्रोजेक्ट जैसी कई दिलचस्प परियोजनाओं का प्रदर्शन किया। आर्किटेक्ट संजय कनविदे ने सेंट्रल बिल्डिग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआइ) सहित आइआइटी रुड़की में आर्किटेक्ट एपी कनविदे के योगदान के आर्काइव के माध्यम से उनके कार्यों और दर्शन पर विचार प्रस्तुत किया। उन्होंने एपी कनविदे का एक कथन 'मेरी इमारतें, मेरी सबसे अच्छी स्मृति हैं, मुझे किसी अन्य स्मृति की आवश्यकता नहीं है' को भी प्रतिभागियों के साथ साझा किया। आइआइटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजित के चतुर्वेदी ने कहा कि पद्मश्री एपी कनविदे एक आर्किटेक्ट के रूप में उत्कृष्ट थे। उनका काम वर्तमान पीढ़ी के आर्किटेक्ट्स को भी प्रेरित कर रहा है। इसमें एपी कनविदे मेमोरियल व्याख्यान श्रृंखला के संयोजक प्रो. गौरव रहेजा, प्रो. पीएस चानी, संस्थान के फैकल्टी और छात्रों ने प्रतिभाग किया।

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