डा. अर्चना मिश्रा बोलीं, जीवन का पहला सुख होता है निरोगी काया; इस कथन में छिपा है गहरा मर्म

डा अर्चना मिश्रा का कहना है कि जीवन का पहला सुख निरोगी काया है। इस कथन में गहरा मर्म छिपा हुआ है। लेकिन अधिकांश लोग पोषण युक्त भोजन के मामले में लापरवाही करते हैं। वैश्विक स्तर पर कुपोषण के मामले में भारत विश्व में चौथे स्थान पर है।

By Edited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 05:40 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 05:40 PM (IST)
डा. अर्चना मिश्रा बोलीं, जीवन का पहला सुख होता है निरोगी काया; इस कथन में छिपा है गहरा मर्म
डा. अर्चना मिश्रा बोलीं, जीवन का पहला सुख होता है निरोगी काया।

जागरण संवाददाता, रुड़की। जीवन का पहला सुख निरोगी काया है। इस कथन में गहरा मर्म छिपा हुआ है। लेकिन, अधिकांश लोग पोषण युक्त भोजन के मामले में लापरवाही करते हैं। वैश्विक स्तर पर कुपोषण के मामले में भारत विश्व में चौथे स्थान पर है। भरपूर खाद्यान्न उत्पादन करने वाले देश भारत के लिए निश्चित ही यह दुख का विषय है कि देश में बड़ी संख्या कुपोषित नागरिकों की हैं। इसलिए हमें पोषण पर ध्यान देना होगा।

श्री सनातन धर्म प्रकाश चंद कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की ओर से मंगलवार को संतुलित आहार जीवन का आधार विषय पर आयोजित व्याख्यान प्राचार्य डा. अर्चना मिश्रा ने यह बात कही। वहीं कार्यक्रम की अतिथि व्याख्याता डा. संगीता सिंह ने स्वास्थ्य और पोषक आहार पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भोजन की थाली में सभी सात न्यूट्रियंस का होना आवश्यक है। व्यक्ति को अपने भोजन में प्रोटीन प्रतिदिन लेना चाहिए। जब हम पोषक आहार लेते हैं तो व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम प्रभारी डा. कामना जैन ने बताया कि भारत सरकार की ओर से सितंबर माह राष्ट्रीय पोषण मिशन के रूप में मनाया जा रहा है। कहा कि जिन क्षेत्रों में कुपोषित महिलाएं बच्चों को जन्म देती हैं वहीं से कुपोषण की शुरुआत होती है। सक्रिय एवं स्वस्थ जीवन के लिए सभी को पर्याप्त पोषण पूर्ण खाद्यान्न की जानकारी होना तथा उसे लेना अत्यंत आवश्यक है। स्वयंसेवी छात्राओं ने भी पीपीटी प्रेजेंटेशन दिए।

बीएससी पंचम सेमेस्टर की छात्रा नंदिता ने बताया कि प्रत्येक आयु वर्ग के लिए अलग-अलग मात्रा में पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। अत: आयु के अनुसार अपने भोजन में बदलाव लाना चाहिए। मुस्कान यादव ने कहा कि यदि गर्भवती पोषक आहार नहीं लेती तो इसका सीधा प्रभाव गर्भ में पलने वाले शिशु पर पड़ता है। कार्यक्रम में डा. किरन बाला, अंजलि प्रसाद, डा. उमा रानी, डा. असमा सिद्धकी, शैली ¨सघल, डा. सीमा रॉय, डा. अंजू, डा. शिखा, मेहनाज, ज्योति, दीप्ति नागपाल आदि उपस्थित रहे।

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