पुत्र वियोग में राजा दशरथ ने त्याग दिए प्राण
राम लक्ष्मण व सीता के वन जाने से अयोध्या नगरी में मायूसी छा गई है। वहीं पुत्र वियोग में अयोध्या के राजा दशरथ ने प्राण त्याग दिए।
जागरण संवाददाता, रुड़की : राम, लक्ष्मण व सीता के वन जाने से अयोध्या नगरी में मायूसी छा गई है। वहीं पुत्र वियोग में अयोध्या के राजा दशरथ ने प्राण त्याग दिए। वन में भगवान राम को यह दुखद समाचार देने के भरत स्वयं वन में जाते हैं। रामलीला में रामायण के इन प्रसंगों का सजीव मंचन दर्शकों को भावुक कर गया। मंच पर श्रीराम-भरत का मिलाप का दृश्य देखकर पांडाल में बैठे ज्यादातर श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गई। भरत भगवान की खड़ाऊ लेकर लौटे तो रामलीला आयोजन स्थल जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। सुभाष नगर स्थित गढ़वाल सभा में आयोजित श्री रामलीला महोत्सव के छठवें दिवस केवट-राम संवाद, राजा दशरथ मरण, कैकेयी-भरत संवाद और चित्रकूट में भरत-मिलाप लीला का मंचन किया गया। केवट की भूमिका में जगदीश जदली व साथी नवीन बुडाकोटि, मनोज पटवाल एवं राजेश चमोली ने बखूबी निभाई। श्रीराम के पात्र की भूमिका प्रेम जदली, लक्ष्मण अर्पण जोशी एवं सीता की भूमिका में प्रदीप कोटनाला ने शानदार अभिनय किया। इसके अलावा दशरथ प्रेम गोदियाल व रानी की भूमिका में विजय रावत, नंदकिशोर एवं प्रभाकर बडोला, भरत, शत्रुघ्न एवं कैकेयी की भूमिका दिगंबर ध्यानी, प्रयास धस्माना और नारायण सिंह रावत ने बखूबी निभाई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा नेता जय भगवान सैनी, अध्यक्ष प्रेम सिंह रावत, संयोजक मोहन लाल बहुगुणा, निर्देशक टीआर भट्ट, चंद्र मोहन जोशी, इंद्र मोहन सिंह रावत, गुणानंद तिवारी, महिमानंद धस्माना, राजेंद्र बिष्ट, भगवती प्रसाद, रमेश डोबरियाल आदि उपस्थित रहे।
------- राम के लिए मांगा वनवास
रुड़की : श्री रामलीला समिति बीटीगंज की ओर से आयोजित रामलीला मंचन के छठवें दिन राम वनवास लीला का मंचन हुआ। रानी कैकयी महाराजा दशरथ से भरत के लिए अयोध्या की राजगद्दी व श्रीराम के लिए 14 वर्ष का वनवास मांगतीं हैं। बीटीगंज में रामलीला देखने के लिए काफी संख्या में दर्शक पहुंचे। इस मौके पर सचिन गर्ग, संदीप गोयल, इंद्र प्रधान, अनिल सिगल, जेपी शर्मा, आशीष अग्रवाल, राकेश गर्ग, चारू चंद्र, शक्ति राणा, रमेश जोशी के अलावा समिति के पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे।