रेमडेसिविर के नाम से दो हजार में बिकता था 38 रुपये का इंजेक्शन, ऐसे हुआ पर्दाफाश
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से मरीज ही नहीं सिस्टम की सांसें भी फूल रही है। एक अदद रेमडेसिविर इंजेक्शन की सिफारिशों के बीच इसकी कालाबाजारी की भी खबर आ रही है। दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने हरिद्वार और रुड़की में छापेमारी कर ऐसे ही गिरोह का पर्दाफाश किया।
मनीष कुमार, हरिद्वार। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से मरीज ही नहीं सिस्टम की सांसें भी फूल रही है। एक अदद रेमडेसिविर इंजेक्शन की सिफारिशों के बीच इसकी कालाबाजारी की भी खबर आ रही हैं। दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने हरिद्वार और रुड़की में छापेमारी कर 38 रुपये के एंटीबायोटिक इंजेक्शन की शीशी पर रेमडेसिविर का लेबल लगाकर इसे दो हजार रुपये में बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है।
रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बढ़ने के साथ इसकी कालाबाजारी भी बढ़ी है। हरिद्वार में भी इस इंजेक्शन के नाम पर जमकर लूट की जा रही है। दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने हरिद्वार में मामूली कीमत की एंटीबायोटिक दवा की शीशी पर रेमडेसिविर का लेबल लगाकर बेचने वाले जिस गिरोह को पकड़ा है, वह अब तक पड़ोसी जिला सहारनपुर, मुजफ्फरनगर के अलावा दिल्ली में दो हजार से अधिक शीशी सप्लाई कर चुका है। धंधेबाज प्रति शीशी दो हजार रुपये तक वसूलता था। छापेमारी में करीब तीन हजार शीशी और रैपर भी बरामद हुए हैं।
हरिद्वार केमिस्ट एसो. के उपाध्यक्ष अनिल झाम ने बताया कि इस टेक्सिम इंजेक्शन की कीमत 38.29 रुपये हैं। अलग-अलग कंपनियों के अलग-अलग नाम से बिकने वाले इस इंजेक्शन की बाजार में कीमत 50 से 60 रुपये से अधिक नहीं है। एंटीबैक्टीरियल इंजेक्शन की शीशी पर रेमडेसिविर का लेबल लगाकर बेचने वाले सौदागर न केवल मोटी कमाई कर रहे थे, बल्कि आमजन का विश्वास भी तोड़ रहे थे।
महिला अस्पताल हरिद्वार के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. संदीप निगम ने बताया कि रेमडेसिविर एंटी वायरल दवा है। जिन मरीजों का ऑक्सीजन लेवल कम होता है उसे संक्रमण के नौ दिन के भीतर यह इंजेक्शन लगाया जाता है। इसका इस्तेमाल भी आपात स्थिति में किया जाता है। वहीं टेक्सिम इंजेक्शन एंटी बैक्टीरियल है। इसका प्रयोग सेप्टीसीमिया में इस्तेमाल होता है। हालांकि, कोरोना संक्रमितों को इसे लगाने से यदि कोई फायदा नहीं होगा तो नुकसान की संभावना भी बेहद कम है।
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