कपिल एवं शंकराचार्य द्वार का उद्घाटन

महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती की ओर से निर्मित कराए गए शंकराचार्य द्वार एवं कपिल द्वार का निर्वाण पीठाधीश्वर स्वामी विशोकानंद भारती अटल पीठाधीश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव महंत रविद्र पुरी ने नारियल तोड़कर उद्घाटन किया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 03 Apr 2021 11:17 PM (IST) Updated:Sat, 03 Apr 2021 11:17 PM (IST)
कपिल एवं शंकराचार्य द्वार का उद्घाटन
कपिल एवं शंकराचार्य द्वार का उद्घाटन

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती की ओर से निर्मित कराए गए शंकराचार्य द्वार एवं कपिल द्वार का निर्वाण पीठाधीश्वर स्वामी विशोकानंद भारती, अटल पीठाधीश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव महंत रविद्र पुरी ने नारियल तोड़कर उद्घाटन किया।

इस मौके पर निर्वाण पीठाधीश्वर स्वामी विशोकानंद भारती ने कहा कि कुंभ भारतीय सनातन संस्कृति का शिखर उत्सव है। आद्य शंकराचार्य की ओर से स्थापित अखाड़ा परंपरा का पालन करते हुए संत समाज कुंभ मेले के माध्यम से देश-दुनिया में धर्म संदेश प्रसारित करता है। उन्होंने कहा कि आद्य शंकराचार्य एवं महर्षि कपिल की स्मृति में द्वार का निर्माण करने वाले महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती बधाई के पात्र हैं।

अटल पीठाधीश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि इन द्वार से कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को प्रेरणा मिलेगी। कुंभ मेला संत महापुरुषों की तपस्थली है। आदि अनादि काल से कुंभ मेले में तपस्वी संतों के दर्शन श्रद्धालुओं को होते हैं। महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रविद्रपुरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेले के दौरान पतित पावनी मां गंगा के अमृत समान जल में जो श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाता है, उसके जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं और वह भवसागर से पार हो जाता है। म.म.स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि देश-दुनिया को कुंभ मेला सनातन संस्कृति का दर्शन कराता है। कुंभ मेला हिदू संस्कृति का वाहक भी है। धार्मिक अनुष्ठान व क्रियाकलाप श्रद्धालुओं में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। इस अवसर पर महामंडलेश्वर महेश्वरानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर आनंद चैतन्य, महामंडलेश्वर स्वामी कमलानंद गिरि आदि संतजन मौजूद रहे। सनातन हिदू वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष अमित वालिया ने सभी संत-महापुरुषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया।

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