स्टेनलेस स्टील का हर उपयोग समझ सकेंगे आइआइटी छात्र
आइआइटी रुड़की स्टेनलेस स्टील और एडवांस्ड कॉर्बन स्पेशल स्टील पर इलेक्टिव कोर्स शुरू करने जा रहा है। इससे अब आइआइटी छात्र स्टेनलेस स्टील का हर उपयोग समझ सकेंगे।
रुड़की, रीना डंडरियाल। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की स्टेनलेस स्टील और एडवांस्ड कॉर्बन स्पेशल स्टील पर इलेक्टिव कोर्स शुरू करने जा रहा है। इसका उद्देश्य उद्योग जगत में कदम रखने वाली प्रतिभाओं एवं युवाओं को स्टेनलेस स्टील और एडवांस्ड कॉर्बन स्पेशल स्टील का ज्ञान देना है। इसके लिए संस्थान ने जिंदल स्टेनलेस के साथ लंबी अवधि का सहयोग करार किया है।
स्टेनलेस स्टील और एडवांस्ड कॉर्बन स्पेशल स्टील पर इलेक्टिव कोर्स के माध्यम से छात्रों को इन धातुओं के बारे में विस्तार से अध्ययन करने का मौका मिलेगा। उन्हें धातुओं के विभिन्न ग्रेड की विशिष्टता, प्रकृति और संरचनात्मक गुणों के साथ-साथ जीवन चक्र और लागत का विश्लेषण करना समझाया जाएगा। इससे छात्र दुनियाभर में स्टेनलेस स्टील के सभी उपयोगों के बारे में समझ सकेंगे।
आइआइटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी बताते हैं कि इस करार के जरिए संस्थान स्तर पर स्टेनलेस स्टील कोर्स शुरू किया जाएगा। आर्किटेक्चर, मेटलर्जी और मैटीरियल इंजीनियरिंग के कोर्स के तहत छात्रों को इस मैटीरियल के विभिन्न पहलुओं को गहराई से समझने का मौका मिलेगा।
जिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशक अभय जिंदल ने बताया कि इस पहल से एक साथ दो कार्य होंगे। एक तो विद्यार्थी आने वाले समय के इस महत्वपूर्ण मेटल के प्रयोग के लिए पूरी तरह तैयार होंगे, वहीं दूसरा यह कि इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के भावी निर्णय लेने वाले सबसे उपयुक्त मैटीरियल चुन सकेंगे। इस कोर्स से आने वाले समय में जन-जन की सुरक्षा व पर्यावरण में स्थायित्व के साथ आर्थिक बचत भी होगी।
जिंदल स्टेनलेस के निदेशक एस. भट्टाचार्य ने बताया कि स्टेनलेस स्टील अपेक्षाकृत नया और पर्यावरण के अनुकूल मैटीरियल है। इसमें विकास की असीम संभावनाएं हैं। भारत में आज भी यह विकास के प्रारंभिक चरण में है। इसकी प्रति व्यक्ति खपत केवल दो किग्रा है। जबकि वैश्विक औसत छह किग्रा है।
भट्टाचार्य ने बताया कि देश में स्टेनलेस स्टील का अर्थ कुकवेयर और किचनवेयर ही है। जबकि, विकसित देशों में इस मेटल का कई क्षेत्रों में व्यापक उपयोग किया जाता है। मसलनआर्किटेक्चर-बिल्डिंग-कंस्ट्रक्शन, ऑटो मोबाइल-रेलवे ट्रांसपोर्ट, प्रोसेस इंडस्ट्रीज आदि। बताया कि शिक्षा संस्थानों से जुड़ने का हमारा उद्देश्य भावी इंजीनियर और आर्किटेक्ट को स्टेनलेस स्टील के बारे में अधिक सजग करना है।
थ्री-क्रेडिट का होगा कोर्स
स्टेनलेस स्टील और एडवांस्ड कॉर्बन स्पेशल स्टील पर संस्थान के स्तर से थ्री-क्रेडिट इलेक्टिव कोर्स शुरू किया जाएगा। जो मेटलर्जी एवं मैटीरियल्स इंजीनियरिंग विभाग के चौथे वर्ष के बीटेक एवं पीजी के विद्यार्थियों के लिए होगा। कोर्स की अवधि साढ़े तीन महीने होगी। इसमें प्रति सप्ताह तीन लेक्चर और एक ट्यूटोरियल होगा। कोर्स जुलाई से शुरू होने की उम्मीद है। इसके अलावा आर्किटेक्चर एवं प्लॉनिंग विभाग मार्च में स्टेनलेस स्टील मॉड्यूल पर कोर्स शुरू करेगा। जो आधुनिक वैश्विक वास्तुकला के मूल विषयों में शामिल होगा। हाईराइज बिल्डिंग्स और डिजाइन स्टूडियो पर भी कोर्स होंगे। जो स्टेनलेस स्टील के मेगास्ट्रक्चर के निर्माण में अपनाई गई आधुनिक तकनीकों पर केंद्रित होंगे।
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