आइआइटी रुड़की ने जीता स्मार्ट मूव इनोवेटिव अर्बन मोबिलिटी चैलेंज

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की ने स्मार्ट मूव इनोवेटिव अर्बन मोबिलिटी चैलेंज जीता है। संस्थान की विजेता टीम ने सार्वजनिक परिवहन तंत्र में भीड़ के स्तर के पूर्वानुमान के लिए इंटरैक्टिव यात्री सूचना प्रणाली विकसित की है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) की ओर से स्मार्ट मूव इनोवेटिव अर्बन मोबिलिटी चैलेंज का आयोजन किया गया था।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 08 Nov 2021 06:56 PM (IST) Updated:Mon, 08 Nov 2021 06:56 PM (IST)
आइआइटी रुड़की ने जीता स्मार्ट मूव इनोवेटिव अर्बन मोबिलिटी चैलेंज
आइआइटी रुड़की ने जीता स्मार्ट मूव इनोवेटिव अर्बन मोबिलिटी चैलेंज

जागरण संवाददाता, रुड़की: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की ने स्मार्ट मूव इनोवेटिव अर्बन मोबिलिटी चैलेंज जीता है। संस्थान की विजेता टीम ने सार्वजनिक परिवहन तंत्र में भीड़ के स्तर के पूर्वानुमान के लिए इंटरैक्टिव यात्री सूचना प्रणाली विकसित की है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) की ओर से स्मार्ट मूव इनोवेटिव अर्बन मोबिलिटी चैलेंज का आयोजन किया गया था।

एमओएचयूए के सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने नई दिल्ली स्थित सुषमा स्वराज भवन में आयोजित भारत के चौथे वार्षिक शहरी गतिशीलता सम्मेलन में आइआइटी रुड़की की टीम को सम्मानित किया। आइआइटी रुड़की की शोध टीम में सिविल इंजीनियरिग विभाग के प्रोफेसर अमित अग्रवाल और छात्र अर्पित श्रीवास्तव, देवेश प्रताप सिंह और इतिशा जैन शामिल हैं। आइआइटी रुड़की के सिविल इंजीनियरिग विभाग के प्रोफेसर अमित अग्रवाल ने बताया कि संस्थान की टीम ने एक इंटरैक्टिव यात्री सूचना प्रणाली विकसित की और एक रूट प्लानिग एल्गोरिथम, रीयल टाइम क्राउडिग स्तरों को एकीकृत किया है। अंतिम उत्पाद में आखिरी उपयोगकर्ताओं के लिए एक एंड्राइड एप्लीकेशन और बस स्टाप पर स्थापित डिजिटल यात्री सूचना बोर्ड को दोहराने के लिए एक वेब पेज शामिल है। उन्होंने कहा कि छात्रों के निरंतर विकसित उत्पाद जनता को एक संशोधित परिवहन प्रणाली अपनाने के लिए सशक्त बनाने और प्रोत्साहित करने के लिए प्रभावशाली हैं। सूचना प्रणाली न केवल ट्रांजिट राइडरशिप को बढ़ावा देगी, बल्कि समग्र सुविधा को बढ़ाने के लिए सभी उपयोगकर्ता खंडों के लिए इक्विटी सुनिश्चित करेगी और सार्वजनिक ट्रांजिट उपयोगकर्ताओं के निर्णय लेने को सशक्त करेगी।

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लगभग 80 टीमों ने लिया भाग

प्रोफेसर अमित अग्रवाल ने बताया कि नवंबर 2020 में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर से आयोजित स्मार्ट मूव इनोवेटिव अर्बन मोबिलिटी चैलेंज में लगभग 80 टीमों ने हिस्सा लिया। स्क्रीनिग के बाद उत्पाद को विकसित करने और फिर जूरी के सामने अपना काम पेश करने के लिए शीर्ष 10 टीमों को शार्टलिस्ट किया गया। अक्टूबर 2021 में सरल विचारों का मूल्यांकन विभिन्न मापदंडों के आधार पर किया गया था। जैसे कि विशिष्ट रूप से प्रासंगिक, कार्यान्वयन योग्य, स्केलेबल, समयबद्ध, व्यावहारिक, वित्तीय रूप से व्यवहार्य, मापने योग्य और शहरी गतिशीलता पर सामाजिक प्रभाव। उन्होंने बताया कि चुनौती में चुने गए शीर्ष तीन प्रस्ताव 5,00,000 के न्यूनतम अनुबंध मूल्य के साथ संयुक्त रूप से 20,00,000 के अनुबंध प्रदान किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त विजेता टीमों को भारत सरकार के स्मार्ट सिटीज मिशन को अपना समाधान प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा।

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क्या है स्मार्ट मूव चैलेंज

स्मार्ट मूव चैलेंज आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की एक पहल है, जो स्मार्ट सिटीज मिशन, शहरी मामलों के राष्ट्रीय संस्थान और जीआइजेड इंडिया की ओर से समर्थित है। यह आयोजन नवंबर 2020 में दुनिया भर से प्रस्तावों को आमंत्रित करके भारत के स्मार्ट सिटी मिशन को गति देने के लिए शुरू किया गया था। यह तीन प्रमुख विषयों पर काम करता है। इसमें सार्वजनिक परिवहन राइडरशिप बहाल करना, सतत परिवहन हासिल करना और गतिशीलता में लचीलापन और इक्विटी शामिल हैं।

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आइआइटी रुड़की की विजेता टीम का कार्य सार्वजनिक परिवहन के आकर्षण को बढ़ाता है। यह निजी मोटर चालित परिवहन पर हमारी निर्भरता को कम करेगा। जो निजी परिवहन के प्रतिकूल पर्यावरणीय प्रभाव को दूर करने का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है।

प्रो. अजित के चतुर्वेदी, निदेशक, आइआइटी रुड़की

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