विधायक यतीश्वरानंद बोले, कौशिक की संपत्ति की जांच नहीं हुई तो राजनीति से लूंगा संन्यास

भाजपा विधायक यतीश्वरानंद ने कहा कि अगर कौशिक की संपत्ति की सीबीआइ जांच नहीं हुई तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 03:31 PM (IST) Updated:Tue, 18 Feb 2020 08:30 PM (IST)
विधायक यतीश्वरानंद बोले, कौशिक की संपत्ति की जांच नहीं हुई तो राजनीति से लूंगा संन्यास
विधायक यतीश्वरानंद बोले, कौशिक की संपत्ति की जांच नहीं हुई तो राजनीति से लूंगा संन्यास

हरिद्वार, जेएनएन। गुरुकुल महाविद्यालय विवाद ने सोमवार को एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की संपत्ति की सीबीआइ जांच की मांग कर रहे भाजपा विधायक यतीश्वरानंद ने कहा कि अगर कौशिक की संपत्ति की सीबीआइ जांच नहीं हुई, तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। वहीं, सोमवार को भी दोनों पक्षों ने परिसर में धरना दिया। क्षेत्रपाल सिंह चौहान पक्ष के लोगों ने हवन यज्ञ कर हरिद्वार ग्रामीण विधायक स्वामी यतीश्वरानद की सीबीआइ जांच की मांग की। वहीं यतीश्वरानंद पक्ष ने बैठक कर 23 फरवरी को हुंकार भरो रैली निकालने का निर्णय लिया। 

सोमवार को गुरुकुल बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक और आर्य समाज के सन्यासी सार्वदेशिक वैदिक यतीमंडल के प्रधान स्वामी यज्ञमुनि की अध्यक्षता में धरना और बैठक जारी रहा। स्वामी यज्ञमुनि ने कहा कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक और उनके लोगों के कारनामों की सीबीआइ जांच होनी चाहिए। धरने का समर्थन करते हुए श्री ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष अधीर कौशिक ने कहा गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर की एक इंच जमीन पर भी मंत्री और उनके लोगों को कब्जा नहीं करने दिया जाएगा।

दिल्ली से आए आचार्य अनुज शास्त्री ने कहा कि गुरुकुल महाविद्यालय स्वामी दर्शनानंद की तपस्थली है। यहां का विद्यार्थी राष्ट्र सेवा को समर्पित होता है। कहा 23 फरवरी को गुरुकुल बचाओ हुंकार रैली में दिल्ली, उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य प्रांतों से आर्य समाज के अनुयायी हजारों की संख्या में शामिल होकर कलक्ट्रेट पर पहुंचकर प्रदर्शन करेंगे। 

वहीं, क्षेत्रपाल सिंह चौहान, यशवंत सिंह सैनी पक्ष के लोगों ने परिसर में हवन यज्ञ किया। इसमें स्वामी यतीश्वरानंद की बुद्धि शुद्धि की कामना की गई। अनिल गोयल, अजय चौहान नम्बरदार, प्रदीप चौहान, राकेश चौहान, अनुज चौहान मुखिया, कृष्णपाल चौहान, नाथीराम चौहान सीतापुर ने परिसर के गेट पर धरना दिया। उन्होंने कहा फेरूपुर, कटारपुर, जियापोता में जाकर विधायक के कारनामों की पोल खोली गई है। उनके कारनामों की सीबीआइ जांच कराने की सरकार से मांग की। धरने में सुचित चौहान, हरद्वारी लाल, धीरज चौहान, हरदम चौहान, राजाराम शर्मा, वीर प्रताप, तनु, शिवम, दिनेश चौहान, पंकज पांडे, विपिन्न आदि शामिल रहे। 

पुलिस ने उखाड़ा तंबू, कांग्रेसियों से धक्का-मुक्की 

कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के घर का घेराव करने के लिए कांग्रेसियों ने रात में ही खन्नानगर के बाहर टैंट लगा दिया था। पुलिस ने सोमवार सुबह सबसे पहले कांग्रेसियों का टैंट उखाड़ा। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और कांग्रेसियों के बीच धक्का मुक्की भी हुई। पुलिस ने खन्नानगर के दोनों तरफ बेरिकेडिंग कर मोर्चा संभाला। 

कांग्रेसियों ने खन्नानगर के बाहर विरोध प्रदर्शन की कोई अनुमति नहीं ली थी, लेकिन इसका प्रचार-प्रसार कई दिन से चल रहा था। युवा कांग्रेसी फेसबुक पर भी लोगों से धरने और विरोध प्रदर्शन में पहुंचने की अपील कर रहे थे। जोरदार प्रदर्शन के लिए कांग्रेसियों ने रात में ही टैंट लगा दिया, लेकिन पुलिस ने रात में टैंट को नहीं छेड़ा। अलबत्ता सुबह अनुमति न होने का हवाला देते हुए सबसे पहले टैंट उखड़वाया। 

खन्नानगर के दोनों तरफ बेरिकेडिंग पर ही कुछ कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोक लिया। जो लोग आगे आए, उन्हें नारेबाजी के दौरान पकड़कर गाड़ी में बैठा दिया गया। कांग्रेसियों ने पुलिस पर सरकार के दबाव में नाजायज रूप से उन्हें गिरफ्तार करने का आरोप लगाया। सीओ सिटी अभय प्रताप ङ्क्षसह सुबह से ही ज्वालापुर कोतवाल योगेश सिंह देव और आसपास के थाने कोतवाली की पुलिस टीमों के साथ खन्नानगर के बाहर डेरा डाले रहे। 

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कांग्रेसियों ने ही निकाली हवा 

पुलिस ने विरोध प्रदर्शन कर रहे सुमित्तर भुल्लर, राम विशाल देव, अशोक शर्मा, अनिल भास्कर, रवि बहादुर, विमला पांडे, शाहनवाज, नावेज अंसारी आदि कुल 18 कार्यकर्ताओं को पकड़कर रोशनाबाद पुलिस लाइन भेज दिया। कुछ कांग्रेसी तय रणनीति के अनुसार इसके बाद धरनास्थल पर पहुंचे। कांग्रेस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि पार्टी के दो गुट प्रदर्शन से दूर रहे। कुछ कांग्रेसी जानबूझकर हंगामा खत्म होने के बाद कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। कुछ ने तो सफाई में प्रदर्शन को गलत बता डाला। 

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भाजपा के महामंत्री ने पूछा सवाल 

भाजपा जिला महामंत्री विकास तिवारी ने फेसबुक पर सवाल उठाया कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी जनप्रतिनिधि के निजी आवास का घेराव करना कहां तक जायज है। इस पर अन्य भाजपाईयों ने भी कांग्रेसियों पर हमला बोला। 

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