तीमारदारों ने अस्पताल कर्मचारी व एंबुलेंस चालक को पीटा

मध्य हरिद्वार के एक अस्पताल में भर्ती गर्भवती महिला के परिवार वालों ने अस्पताल कर्मचारी व एंबुलेंस चालक की पिटाई कर दी। नाराज तीमारदार महिला को लेकर चले गए। यह पूरी घटना अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 06:29 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 08:18 PM (IST)
तीमारदारों ने अस्पताल कर्मचारी व एंबुलेंस चालक को पीटा
तीमारदारों ने अस्पताल कर्मचारी व एंबुलेंस चालक को पीटा

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: मध्य हरिद्वार के एक अस्पताल में भर्ती गर्भवती महिला के परिवार वालों ने अस्पताल कर्मचारी व एंबुलेंस चालक की पिटाई कर दी। नाराज तीमारदार महिला को लेकर चले गए। यह पूरी घटना अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।

मध्य हरिद्वार के एक प्राइवेट अस्पताल में ज्वालापुर क्षेत्र की एक गर्भवती को डिलीवरी के लिए लाया गया था। अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों ने महिला की हालत गंभीर बताते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया। अस्पताल प्रबंधन ने प्रारंभिक उपचार की फीस मांगी। इसी बात को लेकर महिला के परिवार वालों से कर्मचारी की कहासुनी हो गई। आरोप है कि तीमारदारों ने अस्पताल के एक कर्मचारी और एंबुलेंस चालक की पिटाई कर दी। हंगामे की सूचना मिलने पर ज्वालापुर पुलिस मौके पर पहुंच गई। तब तक तीमारदार महिला को लेकर चले गए। पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ है। यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। वहीं, ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी चंद्र चंद्राकर नैथानी ने बताया कि इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है। शिकायत आने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी। सरकारी अस्पतालों की स्थित बदहाल: हेमा

हरिद्वार: आम आदमीे पार्टी की प्रदेश महिला मोर्चा उपाध्यक्ष हेमा भंडारी ने गुरुवार को जिला महिला अस्पताल में इलाज को पहुंची महिलाओं और अनशनरत आशाओं से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना। साथ ही, आप की ओर से उनके आंदोलन को समर्थन देने का वादा किया।

अस्पताल की बदहाल स्थिति पर आक्रोश व्यक्त करते कहा कि राज्य गठन के 20 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन अस्पतालों के हालात बद से बदतर है। मरीजों और अस्पताल कर्मियों के लिए कोई सुविधा नहीं है। आरोप लगाया कि सुविधा के अभाव में सरकारी अस्पताल केवल रेफरल सेंटर बनकर रह गए हैं। आरोप लगाया कि बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ की बात करने वाली भाजपा सरकार में महिलाओं का उत्पीड़ऩ हो रहा है। सरकारी योजनाओं को घर घर पहुंचाने का काम आशा कार्यकत्र्ता करती हैं। लाकडाउन में भी आशाओं की भूमिका सराहनीय रही है। आशाओं को उनके कार्य के अनुरूप सुविधाओं का लाभ ना देना सरकार की सोच को दर्शाता है।

chat bot
आपका साथी