तीर्थस्थलों के भ्रमण को रवाना हुई पवित्र छड़ी यात्रा

श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े की प्राचीन पवित्र छड़ी यात्रा बुधवार को हरिद्वार के मायादेवी मंदिर से उत्तराखंड के गढ़वाल व कुमाऊं मंडल में स्थित सभी प्रमुख तीर्थस्थलों के भ्रमण के लिए रवाना हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 08:02 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 08:02 PM (IST)
तीर्थस्थलों के भ्रमण को रवाना हुई पवित्र छड़ी यात्रा
तीर्थस्थलों के भ्रमण को रवाना हुई पवित्र छड़ी यात्रा

जागरण संवाददाता, हरिद्वार : श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े की प्राचीन पवित्र छड़ी यात्रा बुधवार को हरिद्वार के मायादेवी मंदिर से उत्तराखंड के गढ़वाल व कुमाऊं मंडल में स्थित सभी प्रमुख तीर्थस्थलों के भ्रमण के लिए रवाना हो गई। पहले दिन पवित्र छड़ी का रात्रि विश्राम ऋषिकेश में होगा। 21 दिन की यात्रा के बाद 10 नवंबर को छड़ी यात्रा वापस मायादेवी मंदिर हरिद्वार पहुंचेगी।

बुधवार को शरद पूर्णिमा के मौके पर छड़ी यात्रा रवाना होने से पूर्व संत-महात्माओं की मौजूदगी में वाल्मीकि चौक स्थित भगवान वाल्मीकि की पूजा अर्चना की गई। इस मौके पर बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी व शहर के व्यापारी भी मौजूद रहे।

इसके बाद पवित्र छड़ी यात्रा मां मनसादेवी मंदिर पहुंची। जहां पर निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशांनद गिरि, अखाड़े के सचिव और मनसा देवी मंदिर के अध्यक्ष श्रीमहंत रविद्रपुरी महाराज ने छड़ी का अभिषेक और पूजन किया। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक तथा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज, जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज सहित विभिन्न पदाधिकारियों ने पवित्र छड़ी की पूजा-अर्चना के बाद छड़ी को उत्तराखंड के चारधामों सहित सभी पवित्र तीर्थस्थलों के लिए रवाना किया गया।

इस मौके पर गौकर्णधाम परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर कपिलपुरी, आनंद अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि, जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत महेशपुरी, श्रीमहंत शैलेन्द्र गिरि, श्रीमहंत केदारपुरी, थानापति राजगिरि, श्रीमहंत उमाशंकर भारती, श्रीमहंत विशम्भर भारती सहित कई संत महंत मौजूद रहे।

--------------

श्रीयंत्र मंदिर होते हुए कुमाऊं

मंडल में प्रवेश करेगी यात्रा

21 दिन की यात्रा में पवित्र छड़ी त्रिजुगीनारायण, तुंगनाथ, भविष्य बदरी, आदि बदरी, नृसिंह मंदिर, आद्य जगदगुरु शंकराचार्य गुफा, सीतामढ़ी, नौटी गांव में श्रीयंत्र मंदिर होते हुए कुमाऊं मंडल में प्रवेश करेगी। कुमाऊं में छड़ी बैजनाथधाम, जागेश्वरधाम, सोमेश्वर महादेव, एड़ादेव, खड़केश्वर मंदिर, गरुड़चटट्ी, ज्योर्तिलिग बागनाथ मंदिर बागेश्वर, पूर्णागिरि मंदिर, गंगानाथ मंदिर, नैनीताल, नारायण आश्रम, पाताल भुवनेश्वर, हाट काली गंगोलीहाट, दूना गिरि, कालिका मंदिर रानीखेत, बिनसर महादेव, बूढ़ाकेदार, भूमियाथान मासी, गर्जिया माता के दर्शनों के पश्चात हरिद्वार पहुंचेगी।

chat bot
आपका साथी