जब चाहे, जहां चाहे वारदात करता था कुख्यात नईम
जागरण संवाददाता, रुड़की: कुख्यात नईम उत्तराखंड पुलिस के साथ साथ उप्र पुलिस के लिए भी सिरर
जागरण संवाददाता, रुड़की: कुख्यात नईम उत्तराखंड पुलिस के साथ साथ उप्र पुलिस के लिए भी सिररर्द बना था। इस पर उप्र में लूट और हत्या के 40 से अधिक मुकदमें दर्ज हैं। कुख्यात कई बार मुजफ्फरनगर में सरेराह लूट की घटना को अंजाम दे चुका है।
कुख्यात नईम कुरैशी इतना शातिर है कि वह हमेशा अपने पास पिस्टल लोड करके रखता है। उसे गोली चलाने में जरा भी हिचक नहीं होती। इसके अलावा आरोपित पर 30 लूट के मुकदमें उप्र के विभिन्न थानों में दर्ज हैं। आरोपित के बारे में बताया गया है कि उसे जब भी रुपयों की जरूरत होती है। वह लूट के लिए मौका नहीं तलाशता। बल्कि खुद ही लूट का मौका बना लेता है। चाहे वह आबादी में हो या फिर जंगल में। जब उसे लूट करनी होती है तो उसे किसी कर डर नहीं रहता। बताया गया है कि दो साल पहले उसे रुपयों की जरूरत हुई। उसने मुजफ्फरनगर के एक बाजार में सरेराह पिस्टल निकाल ली और लूटपाट शुरू कर दी। इसके बाद वह पिस्टल लहराते हुए वहां से फरार हो गया था। इसी तरह से उसने उत्तराखंड के मंगलौर समेत अन्य क्षेत्र में वारदात की। कुख्यात इस कदर बेखौफ है कि उसने क्षेत्र में तीन लूट दिनदहाड़े की थी। मंगलौर में इसी माह लक्सर के शिक्षक और मोहम्दपुर मजट के पास एक युवक से सरेराह पिस्टल दिखाकर बैग लूट लिया था। झबरेड़ा में भी कोरियर कर्मचारी से दिनदहाड़े लूट की थी। पुलिस अब इस बात की जानकारी जुटाई जा रही है कि इसकी सद्दाम से नजदीकी किस तरह से बनी।