Haridwar Kumbh 2021: पेशवाई में अध्यात्म संग दिखी राष्ट्रीय एकता और अखंडता की झलक

Haridwar Kumbh Mela 2021 श्रीपंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण की पेशवाई रविवार को पूरे वैभव के साथ निकाली गई। पेशवाई को देखने के लिए स्थानीय निवासियों का हुजूम उमड़ पड़ा। हाथी घोड़े ऊंट के अलावा बड़ी तादाद में स्वर्ण जडि़त आसनों पर श्रीमहंत महामंडलेश्वर विराजमान थे।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sun, 04 Apr 2021 12:36 PM (IST) Updated:Sun, 04 Apr 2021 10:27 PM (IST)
Haridwar Kumbh 2021: पेशवाई में अध्यात्म संग दिखी राष्ट्रीय  एकता और अखंडता की झलक
श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन की पेशवाई में नजर आ रही लघु भारत की झलक। जागरण

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Haridwar Kumbh Mela 2021  श्रीपंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण की पेशवाई रविवार को पूरे वैभव के साथ निकाली गई। पेशवाई को देखने के लिए स्थानीय निवासियों का हुजूम उमड़ पड़ा। हाथी घोड़े ऊंट के अलावा बड़ी तादाद में स्वर्ण जडि़त आसनों पर श्रीमहंत, महामंडलेश्वर विराजमान थे। विभिन्न रथों पर सवार होकर संत-महंत, महामंडलेश्वर पेशवाई की शोभा बढ़ा रहे थे। मार्ग पर जगह-जगह श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर पेशवाई का जोरदार स्वागत किया और संतों को माला पहनाकर उनका आशीर्वाद लिया। 

सुबह दस बजे भूपतवाल दूधाधारी से शुरू हुई पेशवाई सूखी नदी, खडख़ड़ी, भीमगोड़ा, हरकी पैड़ी, अपर रोड, रेलवे रोड, शिवमूर्ति, तुलसी चौक, शंकराचार्य चौक, बंगाली मोड़, पहाड़ी बाजार, कनखल झंडा चौक होते दक्षेश्वर महादेव मंदिर के समीप बनी छावनी पहुंचकर समाप्त हुई। पेशवाई का नेतृत्व श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के श्रीमहंत उदासीन पीठाधीश्वर स्वामी महेश्वर दास महाराज कर रहे थे। पेशवाई में सबसे आगे श्रीगणेश की प्रतिमा के विग्रह के साथ उदासीन संप्रदाय के संस्थापक श्रीचंद्र भगवान और श्री उदासीन पंचायती बड़ा अखाड़ा के संस्थापक श्रीमहंत प्रीतम दास का विग्रह अध्यात्म का रंग भर रहा था। भांगड़ा और गरबा नृत्य करते लोक कलाकार भी आकर्षण का केंद्र रहे। कई बैंड धार्मिक गीतों से माहौल को भक्तिमय बना रहे थे। पेशवाई में आध्यात्म के विभिन्न रंगों के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता और अखंडता की झलक भी दिखी। बदरी-केदारधाम और भारत माता की झांकी के साथ 108 फुट का तिरंगा पेशवाई में राष्ट्रीय एकता और अखंडता के विविध रंग भर रहा था। देशवासियों में अध्यात्म के साथ-साथ शौर्य ,वीरता और देशभक्ति का जज्बा पैदा कर रहा था। आस्था, सौहार्द और उत्तराखंड की संस्कृति की भी झलक पेशवाई में देखने को मिली। 

पेशवाई में रहे शामिल

महंत रघु मुनि, महंत दुर्गा दास, महंत अद्वैतानंद महाराज, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, महामंत्री महंत हरि गिरि महाराज, उपाध्यक्ष महंत देवेंद्र ङ्क्षसह शास्त्री, श्री निरंजनी पंचायती अखाड़ा के सचिव और मां मंसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रङ्क्षवद्रपुरी, महानिर्वाणी अखाड़े के महंत रङ्क्षवद्र पुरी, महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद, महामंडलेश्वर कपिल मुनि, महामंडलेश्वर भगवत स्वरूप महाराज, महामंडलेश्वर संतोषानंद महाराज, महामंडलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश महाराज, महंत दिग्यांवर महाराज, महामंडलेश्वर हंसराम महाराज, महामंडलेश्वर विवेकानंद महाराज, महंत कमल दास, महंत दर्शन दास, महंत निरंजन दास, महंत प्रेमदास, कारोबारी महंत निर्मल दास, महंत बलराम दास, महंत मुरली दास, निर्मल पंचायती अखाड़े के कोठारी महंत जसङ्क्षवदर ङ्क्षसह शास्त्री, महंत दुर्गादास, बाबा हठयोगी समेत कई संत महंत मौजूद रहे। इसके अलावा मेलाधिकारी दीपक रावत, कुंभ मेला आइजी संजय गुंज्याल, जिलाधिकारी सी रविशंकर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सेंथिल अवूदेई कृष्णराज एस, कुंभ मेला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मेजय खंडूरी, पुलिस अधीक्षक कुंभ सुरजीत पंवार, पुलिस अधीक्षक कमलेश उपाध्याय समेत कई आलाधिकारी मौजूद रहे।

मेलाधिकारी और अपर मेलाधिकारी पंजाबी गीतों पर थिरके

पेशवाई के तुलसी चौक पहुंचने पर मेलाधिकारी दीपक रावत अपनी पत्नी संग पेशवाई का स्वागत करने पहुंचे। उन्होंने अपर मेलाधिकारी हरबीर ङ्क्षसह के साथ ढोल जगीरो दा...आदि पंजाबी गीतों और ढोल की थाप पर भांगड़ा किया। व्यवस्था में जुटे अखाड़े के कोठारी महंत दामोदार भी खुद को रोक नहीं पाए और थिरकते दिखे। 

अखाड़ा और योग परंपरा से जुड़ा है हमारा मूल: रामदेव  

पेशवाई में योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण भी पहुंचे। योगगुरु ने कहा कि उनका मूल अखाड़ा योग परंपरा से जुड़ा है। लेकिन, हमारा आध्यात्म का अखाड़ा बड़ा उदासीन पंचायती अखाड़ा ही है। कहा कि पेशवाई में कोरोना  गाइडलाइन का पालन होना जरूरी है। लेकिन, पेशवाई में उत्साह देखते ही बनता है। थोड़ी बहुत कोरोना की गाइडलाइन टूटती दिखाई दे रही है। लेकिन, लगता है कि लोग योग करके मजबूत हो गए हैं। जो पेशवाई में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। बाबा रामदेव ने कहा कि पेशवाई में कुंभ का अद्भुत दृश्य दिखाई दे रहा है। 

श्रीमहंत प्रीतम दास ने की थी उदासीन पंचायती अखाड़ा की स्थापना

पेशवाई के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को उल्लेखित करते श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के श्रीमहंत महेश्वर दास महाराज ने कहा कि पेशवाई में आज पूरे देश विदेश से उदासीन संप्रदाय के संत-महात्मा, महामंडलेश्वर, तपस्वी और श्रद्धालु शामिल हुए हैं। कहा कि हमारी पेशवाई भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और राष्ट्रीय एकता अखंडता का सबसे बड़ा प्रतीक है। उदासीन पंचायती अखाड़े की स्थापना श्रीमहंत प्रीतम दास ने की थी और उदासीन संप्रदाय की स्थापना गुरु नानक देव के बेटे भगवान श्री चंद्राचार्य महाराज ने की थी। 

पेशवाई मार्ग का होता रहा सैनिटाइजेशन

 पेशवाई में सबसे आगे स्वास्थ्य विभाग की टीम चल रही थी। जो पेशवाई मार्ग को सैनिटाइज करते चल रहे थे। रेडक्रास की झांकी के जरिए बच्चे कोरोना से बचाव को शारीरिक दूरी का पालन करने, मास्क पहनने और साबुन से हाथ धोते रहने का संदेश दे रहे थे। इस दौरान अखाड़े की ओर से दस हजार मास्क का वितरण भी किया गया। 

श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के संत महात्माओं ने कोरोना से सतर्क रहने और केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने का भी आह्वान किया। अखाड़े के कोठारी महंत दामोदर दास ने कहा कि लोग कोरोना से स्वयं और अपने स्वजनों का बचाव करें। तीर्थ का आनंद लें। 

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