Haridwar Kumbh Mela 2021: कुंभ मेला आज से, 12 अप्रैल को होगा पहला शाही स्नान; श्रद्धालुओं को निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य

Haridwar Kumbh Mela 2021 हरिद्वार कुंभ मेला गुरुवार से विधिवत शुरू हो जाएगा। कोरोना संक्रमण के कारण इस बार कुंभ मेला एक से 30 अप्रैल तक यानी महीनेभर ही चलेगा। सामान्य परिस्थितियों में कुंभ मेला चार महीने तक चलता है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 31 Mar 2021 09:57 PM (IST) Updated:Thu, 01 Apr 2021 09:57 AM (IST)
Haridwar Kumbh Mela 2021: कुंभ मेला आज से, 12 अप्रैल को होगा पहला शाही स्नान; श्रद्धालुओं को निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य
बुधवार को कुंभ के शुभारंभ की पूर्व संध्या पर हरकी पैड़ी पर गंगा आरती करते श्रद्धालु।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Haridwar Kumbh Mela 2021 हरिद्वार कुंभ मेला गुरुवार से विधिवत शुरू हो जाएगा। कोरोना संक्रमण के कारण इस बार कुंभ मेला एक से 30 अप्रैल तक यानी महीनेभर ही चलेगा। सामान्य परिस्थितियों में कुंभ मेला चार महीने तक चलता है। इस बार कुंभ मेला अवधि में तीन शाही स्नान और दो पर्व स्नान होंगे। कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट साथ लाना अनिवार्य किया गया है। इधर, अखाड़ों ने भी अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। दो अप्रैल से अखाड़ों में धर्मध्वजा लगाने और पेशवाई निकालने का दौर भी शुरू हो जाएगा। सात अखाड़ों की पेशवाई निकाली जा चुकी है, अभी छह और अखाड़े पेशवाई निकालेंगे।

नैनीताल उच्च न्यायालय और राज्य सरकार की ओर से कुंभ मेला के लिए जारी एसओपी के अनुसार कुंभ मेला के दौरान हरिद्वार आने वाले सभी श्रद्धालुओं को कोविड-19 की 72 घंटे के अंतराल की आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य है। इसके बिना किसी को भी हरिद्वार में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। इसके लिए मेला अधिष्ठान ने बुधवार से ही सीमाओं पर जांच शुरू कर दी है। बगैर जांच रिपोर्ट के हरिद्वार आने वाले लोगों को सीमावर्ती इलाकों से वापस भेजा जा रहा है। सभी चेक पोस्ट पर अद्र्ध सैनिक बलों की तैनाती की गई है। सीमा पर कोराना जांच की भी व्यवस्था की गई है। 

निरंजनी अखाड़ा करेगा पहले स्नान

12 अप्रैल और 14 अप्रैल को होने वाले शाही स्नान के लिए अखाड़ों का क्रम भी तय कर दिया गया है। निरंजनी अखाड़ा सबसे पहले स्नान करेगा। जबकि निर्मल अखाड़ा सबसे आखिर में स्नान करेगा। इन दोनों शाही स्नानों में सभी 13 अखाड़ों के संत-महात्मा और नागा संन्यासी पूरे वैभव के साथ स्नान करेंगे। अन्य किसी को इस दौरान हरकी पैड़ी पर प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। पर्व स्नान में इस तरह की पाबंदी नहीं होगी। 

अर्द्धसैनिक बल संभालेंगे मोर्चा

हरिद्वार से देवप्रयाग तक फैले कुल करीब 670 हेक्टेयर के कुंभ मेला क्षेत्र की व्यवस्था और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए तकरीबन 12 हजार पुलिसकर्मियों और करीब चार हजार अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। जबकि 200 चिकित्सकों, 1500 पैरा मेडिकल स्टाफ की तैनात के साथ 613 बेड के 38 छोटे-बड़े अस्थायी अस्पताल बनाए गए हैं। 

प्रमुख कार्यक्रम

शाही स्नान 12 अप्रैल - सोमवती अमावस्या 14 अप्रैल - वैशाखी 27 अप्रैल - चैत्र पूर्णिमा पर्व स्नान 13 अप्रैल - चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 21 अप्रैल - राम नवमी

यह भी पढ़ें-देशभर के इन 12 राज्यों से उत्‍तराखंड आने वालों को लानी होगी निगेटिव रिपोर्ट, एक अप्रैल से सख्ती से लागू होगी व्यवस्था

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी