Haridwar Kumbh Mela 2021: वैदिक मंत्रोच्चार के बीच निरंजनी अखाड़े की धर्मध्वजा स्थापित

Haridwar Kumbh Mela 2021 वैदिक मंत्रोच्चार व गाजे-बाजों के बीच शनिवार को चरण पादुका मंदिर परिसर में श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी की सौ फीट ऊंची धर्मध्वजा स्थापित कर दी गई। इसी के साथ अखाड़े का कुंभ मेला विधिवत रूप से शुरू हो गया।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 10:08 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 07:54 PM (IST)
Haridwar Kumbh Mela 2021: वैदिक मंत्रोच्चार के बीच निरंजनी अखाड़े की धर्मध्वजा स्थापित
शनिवार को श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा की धर्म ध्वजा विधि विधान और मंत्रोच्चारण के साथ स्थापित कर दी गई है!

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Haridwar Kumbh Mela 2021 वैदिक मंत्रोच्चार व गाजे-बाजों के बीच शनिवार को चरण पादुका मंदिर परिसर में श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी की सौ फीट ऊंची धर्मध्वजा स्थापित कर दी गई। इसी के साथ अखाड़े का कुंभ मेला विधिवत रूप से शुरू हो गया। दशनाम संन्यास परंपरा के अनुसार धर्मध्वजा पर अखाड़े की बावन मढ़ि‍यों के प्रतीक बावन बंध लगाए गए हैं। कुंभ के दौरान अखाड़े के सभी क्रियाकलाप धर्मध्वजा के सानिध्य में संपन्न होंगे। धर्मध्वजा के नीचे ही अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर नागा संन्यासियों को दीक्षा देंगे।

अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि अखाड़ों में धर्मध्वजा की स्थापना का मतलब कुंभ का शुभारंभ होता है। सात संन्यासी अखाड़ों में सबसे पहले निरंजनी अखाड़े में धर्मध्वजा स्थापित की गयी है। कहा कि दशनाम संन्यास परंपरा का पालन करते हुए धर्मध्वजा में सबसे ऊपर अखाड़े का ध्वज लगाया गया है। कुंभ के दौरान नागा संन्यासियों को धर्मध्वजा के नीचे ही दीक्षा दी जाएगी और महामंडलेश्वरों को पद पर आसीन किया जाएगा। 

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि तीन मार्च को अखाड़े के रमता पंच व नागा संन्यासी पेशवाई के रूप में अखाड़े में प्रवेश करेंगे। कहा कि प्रत्येक शाही स्नान के अवसर पर धर्मध्वजा में लगाए गए बावन बंधों में भगवा ध्वज भी बांधा जाएगा। नागा संन्यासी व महामंडलेश्वर धर्मध्वजा के नीचे ही दीक्षा लेकर राष्ट्र एवं धर्म रक्षा की प्रतिज्ञा लेते हैं।

निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने बताया कि एसएमजेएन कालेज में रमता पंचों की जमात ठहरी हुई हैं। कहा कि सनातनी संस्कृति को देश-दुनिया के सामने संत-महापुरुष ही रखते हैं। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरि ने कहा कि कुंभ के दौरान श्रद्धालु-भक्तों को संत-महापुरुषों की दिव्य वाणी का लाभ प्राप्त होगा। इस अवसर पर श्रीमहंत दिनेश गिरि, श्रीमहंत ओमकार गिरि, महंत नरेश गिरि, महंत राधे गिरि, महंत लखन गिरि, दिगंबर गंगा गिरि, दिगंबर बलवीर पुरी, स्वामी रघुवन, स्वामी रविवन, महंत जसविंदर सिंह, महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री, महंत शंकरानंद सरस्वती, श्रीमहंत गिरजानंद सरस्वती, श्रीमहंत साधनानंद, महंत ललितानंद गिरि व महंत दामोदर दास के अलावा कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत, आइजी मेला संजय गुंज्याल, अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह आदि मौजूद थे।

आनंद अखाड़े में भी धर्मध्वजा लहराई

तपोनिधि श्रीपंचायती आनंद अखाड़े में धर्मध्वजा स्थापना के मौके पर अखाड़े के अध्यक्ष स्वामी सागरानंद सरस्वती ने कुंभ को भारतीय संस्कृति का महापर्व बताया। कहा कि राज्य व केंद्र सरकार को कुंभ से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं को समान रूप से लागू कराना चाहिए। कुंभ मेला अधिकारियों को भी आश्रम-अखाड़ों के संतों से लगातार व्यवस्थाओं को लेकर मंत्रणा करनी चाहिए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि यह एक हर्षित करने वाला पल है।

इससे संपूर्ण विश्व में एक सकारात्मक संदेश प्रसारित होगा। अखाड़े के श्रीमहंत गिरजानंद सरस्वती ने बताया कि अखाड़े के रमता पंच हरिद्वार पहुंच गए हैं। निरंजनी अखाड़े के साथ ही आनंद अखाड़े के संत कुंभ स्नान करेंगे। अखाड़े के सचिव श्रीमहंत शंकरानंद सरस्वती ने कहा कि कुंभ के दौरान होने वाले संत-महापुरुषों के दिव्य प्रवचन एक बार फिर पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करेंगे। इस मौके पर सचिव महंत कैलाशपुरी, श्रीमहंत दिवाकर पुरी, श्रीमहंत सत्यगिरि, श्रीमहंत साधनानंद, श्रीमहंत भैरव गिरि, श्रीमहंत दिनेश गिरि, दिगंबर बलवीर पुरी, दिगंबर आशुतोष पुरी, महंत दिवाकर पुरी, महंत सदगिरि, महंत कालूगिरि आदि मौजूद रहे। 

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