Haridwar Kumbh 2021: परंपरागत मार्ग से ही निकलेंगी पेशवाई, तीन मार्च से शुरू होगा सिलसिला

Haridwar Kumbh Mela 2021 कुंभ के दूसरे प्रमुख आयोजन पेशवाई को लेकर ऊहापोह की स्थिति लगभग समाप्त हो गई है। तय हो गया है कि पेशवाई परंपरागत मार्ग से ही निकलेंगी। इसे लेकर जिला प्रशासन कुंभ मेला प्रशासन और विभिन्न अखाड़ों के बीच अंतिम दौर की बातचीत हो चुकी है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 03:39 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 03:39 PM (IST)
Haridwar Kumbh 2021: परंपरागत मार्ग से ही निकलेंगी पेशवाई, तीन मार्च से शुरू होगा सिलसिला
Haridwar Kumbh 2021: परंपरागत मार्ग से ही निकलेंगी पेशवाई। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Haridwar Kumbh Mela 2021 कुंभ के दूसरे प्रमुख आयोजन पेशवाई को लेकर ऊहापोह की स्थिति लगभग समाप्त हो गई है। तय हो गया है कि पेशवाई परंपरागत मार्ग से ही निकलेंगी। इसे लेकर जिला प्रशासन, कुंभ मेला प्रशासन और विभिन्न अखाड़ों के बीच अंतिम दौर की बातचीत हो चुकी है। एसएमजेएन पीजी कॉलेज में पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की छावनी में संतों और पुलिस प्रशासन अधिकारियों के बीच हुई वार्ता में यह तय हुआ है कि जूना और अग्नि अखाड़े की पेशवाई पांडेवाला ज्वालापुर से निकलेगी, जबकि निरंजनी अखाड़े की पेशवाई एसएमजेएन कॉलेज मध्य हरिद्वार से निकलेगी। आवाह्न अखाड़े की पेशवाई श्यामपुर से निकलेगी, जबकि अटल अखाड़े की पेशवाई संन्यास मार्ग कनखल से निकलेगी। 

सभी तीनों बैरागी अणियों और बैरागी अखाड़ों की पेशवाई बैरागी कैंप से निकाली जाएंगी। पहले हरिद्वार में हुए विभिन्न विकास कार्यों के चलते बने फ्लाईओवर और ओवरब्रिज तथा अंडरपास के कारण पेशवाई मार्ग को लेकर कई तरह की अड़चन पैदा हो गई थी, जिसके कारण पेशवाई मार्ग को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी। अखाड़ों में इसे लेकर असंतोष व्याप्त था। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि पेशवाई को लेकर अधिकांश अड़चनें दूर हो गई हैं। जो बची हैं, वह भी दूर होती जा रही हैं। 

वहीं, कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत ने बताया कि पेशवाई मार्ग को लेकर स्थिति स्पष्ट हो गई है। तीन मार्च को निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के साथ कुंभ पेशवाई निकलने का क्रम शुरू हो जाएगा। चार मार्च को जूना व अग्नि, पांच मार्च को आवाह्न अखाड़े की पेशवाई निकलेगी, जबकि नौ मार्च को अटल अखाड़े की पेशवाई निकलेगी।

भैरो गिरी बने आनंद अखाड़े के श्रीमहंत

अखाड़ों में धर्म ध्वजाओं की स्थापना के साथ पदाधिकारियों की नियुक्तियां भी शुरू हो गई हैं। श्री तपोनिधि आनंद अखाड़े के कारोबारी महंत भैरो गिरि महाराज को अखाड़े का श्रीमहंत नियुक्त किया गया है। रविवार देर शाम एसएमजेएन कॉलेज में निरंजनी व आनंद अखाड़े की छावनी में संत-महापुरुषों की मौजदूगी में कारोबारी महंत भैरो गिरि महाराज की आनंद अखाड़े के श्रीमहंत पद पर पुकार की गई। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज, निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज, श्रीमहंत रामरतन गिरि महाराज, आनंद अखाड़े के महंत दिनेश गिरि, सचिव शंकरानंद सरस्वती, श्रीमहंत सत्यगिरि, सचिव गंगा गिरि सहित निरंजनी व आनंद अखाड़े के रमता पंचों ने विधि-विधान से महंत भैरो गिरि का तिलक कर श्रीमहंत पद पर उनका अभिषेक किया। श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज ने कहा कि श्रीमहंत भैरो गिरि महाराज ऊर्जावान संत हैं। नवनियुक्त श्रीमहंत भैरो गिरि महाराज ने सभी संत-महापुरुषों का आभार जताते हुए कहा कि वो अखाड़े की परंपरा के अनुरूप अखाड़े की प्रगति व उन्नति के लिए कार्य करेंगे।

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