Haridwar Kumbh 2021: अंतिम शाही स्नान को लेकर अखाड़ों में विवाद, असमंजस में मेला अधिष्ठान

Haridwar Kumbh Mela 2021 अंतिम शाही स्नान को लेकर अखाड़ों में छिड़े विवाद से मेला अधिष्ठान असमंजस में है। शाही स्नान के लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ही क्रम का निर्धारण करता है लेकिन बैरागी अखाड़ों की नाराजगी के बाद मेला अधिष्ठान तैयारियों को अंतिम रूप नहीं दे पा रहा।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sat, 24 Apr 2021 04:59 PM (IST) Updated:Sat, 24 Apr 2021 04:59 PM (IST)
Haridwar Kumbh 2021: अंतिम शाही स्नान को लेकर अखाड़ों में विवाद, असमंजस में मेला अधिष्ठान
बड़ा अखाड़ा उदासीन के पदाधिकारियों के साथ विमर्श करते कुंभ मेला व मेलाधिकारी दीपक रावत। जागरण

अनूप कुमार, हरिद्वार। Haridwar Kumbh Mela 2021 हरिद्वार कुंभ में अंतिम शाही स्नान को लेकर अखाड़ों में छिड़े विवाद से मेला अधिष्ठान असमंजस में है। शाही स्नान के लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ही क्रम का निर्धारण करता है, लेकिन बैरागी अखाड़ों की नाराजगी के बाद मेला अधिष्ठान तैयारियों को अंतिम रूप नहीं दे पा रहा है। पुलिस महानिरीक्षक (मेला) संजय गुंज्याल ने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद जो भी निर्णय लेगी व्यवस्था उसी के अनुसार की जाएगी। 

संन्यासी अखाड़ों के कुंभ समापन की घोषणा से नाराज बैरागी अखाड़े साफ कर चुके हैं कि वर्तमान परिस्थतियों में इन अखाड़ों को शाही स्नान का अधिकार नहीं है। बैरागी अखाड़ों का दावा है कि उन्हें इस मुद्दे पर उदासीन और निर्मल अखाड़े का समर्थन भी प्राप्त है। अपने निर्णय से बैरागी अखाड़े मेला अधिष्ठान को अवगत करा चुके हैं। मेला अधिष्ठान को स्नान के रूट निर्धारण के साथ ही अन्य तैयारियां करनी हैं, लेकिन अखाड़ों के विवाद के चलते स्नान क्रम को लेकर भी असमंजस बना हुआ है। 

दरअसल, अखाड़ा परिषद के निर्धारित क्रम के अनुसार अंतिम शाही स्नान में पहले निरंजनी अखाड़ा, उसके साथ आनंद, इसके बाद जूना, साथ में अग्नि और आह्वान तथा इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़ा, अटल अखाड़े के साथ स्नान करेगा। इनके बाद तीनों बैरागी अणियां, तत्पश्चात बड़ा अखाड़ा उदासीन, नया अखाड़ा उदासीन और अंत में निर्मल अखाड़े की बारी आनी है। अब बैरागी अखाड़े स्नान क्रम दोबारा निर्धारित करने की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि इसे समस्या तो मान रहे हैं पर, उनका दावा है कि आपसी बातचीत इसका सर्वमान्य हल निकाल लिया जाएगा। 

चैत्र पूर्णिमा शाही स्नान को लेकर की चर्चा 

मेला आइजी संजय गुंज्याल और मेलाधिकारी दीपक रावत ने आगामी चैत्र पूर्णिमा शाही स्नान की व्यवस्थाओं को लेकर बड़े अखाड़े के पदाधिकारियों श्रीमहंत दुर्गादास, श्रीमहंत महेश्वर दास, श्रीमहंत अद्वेतानंद, कोठारी दामोदरदास, व्यास मुनि, निर्मल अखाड़े के महंत देवेंद्र शास्त्री, कोठारी जसविंदर सिंह, नया उदासीन से सचिव जगतार मुनि आदि से विचार-विमर्श किया। 

सर्वसम्मति से मेला पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को चैत्र पूर्णिमा के शाही स्नान के दौरान सरकार की गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन करने का आश्वासन दिया गया। 

शाही जुलूस में अखाड़ों के साधु-संत सीमित संख्या में स्नान के लिए आएंगे। वाहन भी सीमित संख्या में प्रयोग किए जाएंगे। शाही स्नान के दौरान आम जनों को सम्मिलित नहीं किया जाएगा। इसके अलावा स्नान के लिए जो समय सारिणी मेला पुलिस-प्रशासन तय करेगा उसका पूर्ण रूप से पालन किया जाएगा। इसी प्रकार का आश्वासन पूर्व में बैरागी अखाड़ों के पदाधिकारियों की ओर से भी मेला पुलिस-प्रशासन को दिया जा चुका है। बैठक में अपर मेलाधिकारी श्री हरबीर सिंह, सीओ यातायात कुंभ प्रकाश देवली, सीओ अखाड़ा प्रबोध घिल्डियाल, प्रभारी निरीक्षक कुंभ थाना कनखल भावना कैंथोला आदि सम्मिलित रही। 

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