Haridwar Kumbh 2021: नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र वीर विक्रम कुंभ स्‍नान के लिए पहुंचे हरिद्वार, कहा- भारत नेपाल का सच्चा हितैषी

Haridwar Kumbh Mela 2021 नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र वीर विक्रम शाह देव कुंभ स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचे। संतों ने उन्हें नेपाल में फिर से राजशाही की स्थापना का आशीर्वाद किया। कहा कि भारत हमेशा से नेपाल का सच्चा हितैषी रहा है। दोनों देशों के संबंध भाइयों जैसे हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 11:21 AM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 10:55 PM (IST)
Haridwar Kumbh 2021: नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र वीर विक्रम कुंभ स्‍नान के लिए पहुंचे हरिद्वार, कहा- भारत नेपाल का सच्चा हितैषी
हरिद्वार पहुंचे नेपाल के अंतिम राजा ज्ञानेंद्र वीर विक्रम सिंह।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Haridwar Kumbh Mela 2021  नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र वीर विक्रम शाह देव कुंभ स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचे। संतों ने उन्हें नेपाल में फिर से राजशाही की स्थापना का आशीर्वाद किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से नेपाल का सच्चा हितैषी रहा है। दोनों देशों के संबंध भाइयों जैसे हैं। 

रविवार को नेपाल के पूर्व नरेश ने  सिद्धपीठ दक्षिण काली मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना की। उन्होंने गंगा का अभिषेक किया दक्षिण काली मंदिर के पीठाधीश्वर और निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि से आर्शीवाद लिया। मंदिर में परिसर में हुए अभिनंदन समारोह में संतों ने उन्हें नेपाल नरेश की उपाधि से अलंकृत किया और आशीर्वाद दिया कि वहां एक बार फिर राजशाही स्थापित होगी। इस दौरान उन पर  हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की गई। समारोह में नेपाल के पूर्व नरेश ने कहा कि  कुंभ के विशेष अवसर पर हरिद्वार में गंगा स्नान व संतों का आशीर्वाद प्राप्त कर वे स्वयं को धन्य महसूस कर हैं। कहा कि भारत-नेपाल रिश्तों में कोई भी दरार नहीं डाल सकता। उन्होंने उम्मीद जताई कि  जल्द ही नेपाल और भारत अपने संबंधों को नई उंचाई प्रदान करेंगे। 

 पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि नेपाल हमेशा से भारत का सच्चा हितैषी और संबंधी रहा है। नेपाल के साथ भारत के रोटी-बेटी के संबंध हैं, ऐसे में कुछ कुत्सित मानसिकता वालों ने लोकतंत्र के नाम पर इन संबंधों को बिगाडऩे का प्रयास किया है। राजशाही के दौरान ऐसा नहीं था, नेपाल में फिर से राजशाही के आने से नेपाल की व्यवस्था और भारत के साथ पुराने संबंधों की बहाली हो जाएगी।  इस मौके पर केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता बाबा हठयोगी, आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि, जयराम पीठाधीश्वर, स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज  और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़े भाई प्रह्लाद मोदी भी उपस्थित थे। 

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