अमृत योग में होने वाले शाही स्नान के दौरान घाटों पर रही भीड़, अपनी बारी की प्रतीक्षा करते रहे श्रद्धालु

मेष संक्रांति पर अमृत योग में होने वाले इस शाही स्नान को लेकर संत ही नहीं श्रद्धालु भी उत्साहित थे। वजह शास्त्रों के अनुसार अमृत योग के चलते यह कुंभ का मुख्य स्नान भी। आधी रात के बाद से ही बड़ी संख्या में लोग.हरकी पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड पहुंचने लगे थे।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 02:37 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 02:37 PM (IST)
अमृत योग में होने वाले शाही स्नान के दौरान घाटों पर रही भीड़, अपनी बारी की प्रतीक्षा करते रहे श्रद्धालु
अमृत योग में होने वाले शाही स्नान के दौरान घाटों पर रही भीड़।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। मेष संक्रांति पर अमृत योग में होने वाले इस शाही स्नान को लेकर संत ही नहीं श्रद्धालु भी उत्साहित थे। वजह, शास्त्रों के अनुसार अमृत योग के चलते यह कुंभ का मुख्य स्नान भी है। आधी रात के बाद से ही बड़ी संख्या में लोग हर की पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड पहुंचने लगे थे। पुलिस ने सुबह सात बजे के बाद हरकी पैड़ी क्षेत्र को खाली कराया और आम श्रद्धालुओं को अन्य घाटों पर भेजा। हरिद्वार में श्रद्धालुओं के लिए 72 घाटों पर स्नान की व्यवस्था थी। सभी गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। जैसे-जैसे दिन चढ़ा भीड़ बढ़ती गयी, दोपहर तक तो कई गंगा घाटों पर स्थिति यह हो गई थी कि श्रद्धालुओं को डुबकियां लगाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा।

इस बार भी अखाड़ों के स्नान का क्रम वही रहा जो पहले शाही स्नान में था। निर्धारित क्रम के अनुसार सुबह ठीक नौ बजे श्रीपंचायती अखाड़ा श्रीनिरंजनी और श्रीपंचायती आनंद अखाड़े का शाही जुलूस हर की पैड़ी पहुंचा। श्रीपंचायती अखाड़ा श्रीनिरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि और आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि के साथ ही मंसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी के नेतृत्व में संतों ने गंगा स्नान किया। इसके बाद आचार्य महामंडलेश्वर अवेधानंद गिरि के नेतृत्व में श्रीपंदशनाम जूना अखाड़ा के संतों ने स्नान किया।

जूना अखाड़ा के छत्र तले आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी रामकृष्णानंद सरस्वती के साथ अग्नि, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी शिवेंद्र पुरी के साथ आह्वान अखाड़े के संतों ने भी पुण्य की डुबकी लगाई। जूना अखाड़े के छत्र तले ही किन्नर अखाड़े के संतों ने भी स्नान किया। अगले क्रम में महानिर्वाणी अखाड़े ने आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद गिरि, अटल अखाड़े ने अपने आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद महाराज की अगुआई में गंगा में डुबकी लगाई। अब तीनों बैरागी अणियों का क्रम था।

इसमें निर्वाणी अणि के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास, निर्मोही अणि के श्रीमहंत धर्मदास और दिगंबर अणि के श्रीमहंत कृष्णदास की अगुआई में संतों ने 1200 खालसों के साथ ब्रह्मकुंड में स्नान किया। श्रीपंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन और श्रीपंचयाती नया अखाड़ा उदासीन ने अपने-अपने क्रम में श्रीमहंत महेश्वरदास और मुखिया महंत भगतराम के साथ शाही स्नान किया।

आखिर में निर्मल अखाड़े ने श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह वेदांताचार्य की अगुआई में शाही स्नान किया। पुलिस महानिरीक्षक (मेला) संजय गुंज्याल ने बताया कि शाही स्नान के दौरान अखाड़ों के लिए आधा-आधा घंटे का समय निर्धारित था। पहले स्नान की भांति इस बार भी सरकार की ओर से शाही जुलूसों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई।

चार सौ से ज्यादा साधु-संन्यासी नहीं कर पाए स्नान

अखाड़ों में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते चार सौ से अधिक साधु-संत शाही स्नान में भाग नहीं ले पाए। अखाड़ों में संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब तक अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि, जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री प्रेमगिरि सहित 37 से अधिक साधु-संत संक्रमित हो चुके हैं। इनमें सबसे अधिक 17 साधु-संन्यासी श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के हैं। वहीं श्रीपंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी में संक्रमित साधु-संन्यासियों की संख्या नौ है।

जांच में 239 लोग मिले संक्रमित

मेला क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग ने 100 स्थानों पर जांच केंद्र स्थापित किए हैं। इसके अलावा जिले की सीमाओं पर स्थित चेकपोस्ट पर भी जांच की जा रही है। इसके अलावा तीन-तीन चिकित्सकों की पांच क्यूआरटी (क्विक रेस्पांस टीम) भी तैनात की गई हैं। बुधवार को शाम छह बजे तक मेला क्षेत्र में 49283 श्रद्धालुओं की जांच की गई। इनमें साढ़े चार हजार आरटीपीसीआर जांच भी शामिल हैं। इस दौरान 239 लोग संक्रमित मिले, जबकि आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट आना बाकी है। सीमा पर जांच के दौरान पुलिस ने आरटीपीसीआर रिपोर्ट न लाने पर करीब 1700 छोटे बड़े वाहन को लौटा दिया।

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