Haridwar Kumbh Mela 2021: बैरागी संतों से मिलने पहुंचे सीएम, नाराजगी दूर
Haridwar Kumbh Mela 2021 बैरागी संतों की नाराजगी को दूर करने और उनकी मांगों पर उनके साथ चर्चा करने को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बुधवार को बैरागी कैंप पहुंचे। उन्हें यहां लाने में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने महति भूमिका निभाई।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Haridwar Kumbh Mela 2021 बैरागी संतों की नाराजगी को दूर करने और उनकी मांगों पर उनके साथ चर्चा करने को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बुधवार को बैरागी कैंप पहुंचे। उन्हें यहां लाने में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने महति भूमिका निभाई और बैरागी अणियों व उनके संतों की सरकार के प्रति नाराजगी को दूर कराया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बैरागी कैंप स्थित श्रीपंच निर्मोही अणि, अखाड़ा पहुंचकर बैरागी अखाड़ों के श्रीमहंतों से उनकी मांगों पर चर्चा की। उन्हें जल्द सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया।
बैरागी कैंप में निर्मोही अणि अखाड़ा पहुंचने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सबसे पहले हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की और संतों का आशीर्वाद लिया। तीनों वैष्णव अखाड़े के संतों ने फूलमाला पहनाकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का स्वागत कर उन्हें आशीर्वाद दिया। इस दौरान संतों की ओर से मुख्यमंत्री को अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन दिया गया। पंच वैष्णव तीनों अणि अखाड़ों के संत महापुरुषों ने बैरागी कैंप में मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने की अपनी मांग को दोहराया।
अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अणि अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि अखाड़े के अंतर्गत ग्यारह सौ खालसे आते हैं। इनके आने का समय हो गया है, ऐसे में सुविधाविहिन बैरागी कैंप में इन्हें कैसे ठहराया जाएगा। मांग की कि कुंभ मेले में बैरागी कैंप में मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाएं। अखाड़ों की भूमि को टीन शेड से घेरा जाए। अखाड़ों को भूमि आवंटन कर अन्य अखाड़ों की तरह सभी सुविधाएं प्रदान की जाएं।
उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष नाराजगी जताते हुए कहा कि मेला प्रशासन बैरागी अखाड़ों की उपेक्षा कर रहा है। बार-बार मांग करने के बावजूद भी अभी तक तीनों वैष्णव अखाड़ों को किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है।
बिजली, पानी, शौचालय, सफाई जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने पर संतों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ेगा। अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अणि अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने मुख्यमंत्री के समक्ष कहा कि ग्यारह सौ खालसों की सुख सुविधाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए। तीनों वैष्णव अणि अखाड़ों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए भूमि की पैमाइश कर स्थान उपलब्ध कराने चाहिए। साधु-संतों में सुविधाओं को लेकर किसी भी प्रकार का विवाद न उत्पन्न हो। इस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मेला अधिष्ठान को त्वरित कदम उठाने के लिए निर्देशित किया। कहा कि कुंभ मेला सकुशल व निर्विघ्न संपन्न हो, यह राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है। इस मौके पर मेला अधिकारी दीपक रावत, मेला आइजी संजय गुंज्याल भी मौजूद रहे।
इस अवसर पर महंत प्रहलाद दास, महंत रामकिशोर दास शास्त्री, महंत रामजी दास, खाकी अखाड़े के महंत भगवान दास, महंत मोहनदास, महंत मनीष दास, महामंडलेश्वर गंगा दास, महंत केशवदास, ब्रह्माण्ड गुरू अनंत रामानंदाचार्य महाप्रभु, महंत रामदास, महंत सुखदेव दास, महंत अमित दास, आचार्य अमरीश तिवारी, महंत प्रमोद दास, महंत दुर्गादास आदि संतजन मौजूद रहे।
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