गुर्जर समाज ने विधायक का पुतला फूंका

गुर्जर सम्राट मिहिर भोज को लेकर खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बयान को लेकर गुर्जर समाज में आक्रोश है। मंगलवार को गुर्जर समाज के व्यक्तियों ने नगर के शिव चौक पर नारेबाजी करते हुए विधायक का पुतला दहन किया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 10:03 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 10:03 PM (IST)
गुर्जर समाज ने विधायक का पुतला फूंका
गुर्जर समाज ने विधायक का पुतला फूंका

संवाद सूत्र, लक्सर : गुर्जर सम्राट मिहिर भोज को लेकर खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बयान को लेकर गुर्जर समाज में आक्रोश है। मंगलवार को गुर्जर समाज के व्यक्तियों ने नगर के शिव चौक पर नारेबाजी करते हुए विधायक का पुतला दहन किया। साथ ही चेतावनी दी कि यदि 31 अक्तूबर तक विधायक ने समाज से माफी नहीं मांगी को विधायक की शवयात्रा निकालकर प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही समाज विधायक का भी बहिष्कार करेगा।

इस मौके पर सैदाबाद गांव के निवर्तमान ग्राम प्रधान राकेश ने कहा कि विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन अपने बड़बोलेपन और ओछी मानसिकता से समाज की छवि को धूमिल करने का कार्य कर रहे हैं। वह स्वयं को राजा और चैंपियन बताते हैं लेकिन, उनके पास चैंपियन होने का कोई सर्टिफिकेट नहीं हैं। यदि उनके पास चैंपियन होने का कोई प्रमाण है तो इसे सार्वजनिक करें। अपनी शैक्षिक योग्यता भी जनता के सामने प्रस्तुत करें। गुर्जर सम्राट मिहिर भोज को वाराह से जोड़ने के विधायक के बयान पर रोष जताते हुए कहा कि उन्होंने गुर्जर सम्राट मिहिर भोज के साथ पूरी बिरादरी का अपमान किया है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान निवर्तमान प्रधान पोडोवाली संजय चौधरी, सतवीर प्रधान दाबकी, भुल्लन सिंह, कुलबीर सिंह, जितेंद्र सिंह, अरविद, विशाल, अनूप सिंह, विकास, राजपाल सिंह समाज के अनेक लोग मौजूद रहे।

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बयान पर फैलाया जा रहा है भ्रम : चैंपियन

लक्सर : विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने कहा कि गुर्जर सम्राट मिहिर भोज को लेकर दिए गए उनके बयान को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। उन्होंने पौराणिक काल में वराह अवतार का उदाहरण देते हुए विरोध करने वालों को अज्ञानी बताया और ज्ञानवर्धन करने की सलाह दी है। मंगलवार को जारी अपने बयान में चैंपियन ने कहा कि गुर्जर सम्राट मिहिर भोज भगवान विष्णु के भक्त थे। ब्रहमा जी की नासिका से भगवान विष्णु ने वराह अवतार लिया था। उन्होंने अपने थूंथ से समुद्र में पृथ्वी को तलाश करने के बाद विशाल दातों से पृथ्वी को उठाकर सुरक्षित निकाला था। इसके बाद उन्होंने राक्षस हिरणायक्ष का वध किया था। ठीक इसी प्रकार सम्राट मिहिर भोज ने भी मुस्लिम आक्रांताओं का वध करके भारतमाता की अस्मिता को अक्षुण्ण रखा था। विधायक ने कहा कि इसीलिए सम्राट मिहिर भोज ने आदि वराह की उपाधि ग्रहण की। लेकिन, उनके विरोधी इसे लेकर भ्रामक प्रचार कर रहे हैं। अज्ञानता के कारण वह उनके बयान को जबरन राजनीतिक मुद्दा बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

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