तो हादसे का इंतजार कर रहा है जिला प्रशासन

बारिश के कारण इन दिनों उफान पर आई गंगा नदी से कांगड़ी गांव में लगातार भू-कटाव हो रहा है। अब गांव और गंगा के बीच मात्र पांच से छह फीट का पुस्ता ही बचा हुआ है। अगर वह पुस्ता भी बाढ़ की चपेट में आ जाता है तो कांगड़ी गांव डूबने की कगार पर आ जाएगा। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि जिला प्रशासन को कांगड़ी गांव में किसी बड़े हादसे का इंतजार है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 07 Aug 2021 09:00 PM (IST) Updated:Sun, 08 Aug 2021 12:20 AM (IST)
तो हादसे का इंतजार कर रहा है जिला प्रशासन
तो हादसे का इंतजार कर रहा है जिला प्रशासन

राहुल शर्मा, लालढांग : बारिश के कारण इन दिनों उफान पर आई गंगा नदी से कांगड़ी गांव में लगातार भू-कटाव हो रहा है। अब गांव और गंगा के बीच मात्र पांच से छह फीट का पुस्ता ही बचा हुआ है। अगर वह पुस्ता भी बाढ़ की चपेट में आ जाता है तो कांगड़ी गांव डूबने की कगार पर आ जाएगा। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि जिला प्रशासन को कांगड़ी गांव में किसी बड़े हादसे का इंतजार है।

कांगड़ी गांव बाढ़ की दृष्टि से पूर्व से ही संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। यहां पूर्व में बाढ़ सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए थे। जिस कारण ग्रामीणों की कई सौ बीघा भूमि गंगा नदी में समा हो चुकी है। अपने पिछले कार्यकाल में हरिद्वार ग्रामीण विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने कांगड़ी में गंगा किनारे धरना देकर सिचाई विभाग के अधिकारियों को तत्काल मौके पर बुला वहां वायर क्रेट लगाने का काम शुरू किया था। जिसके बाद से हर वर्ष सिर्फ बरसात के समय ही बाढ़ सुरक्षा के इंतजामों करने की याद सिचाई विभाग को आती है। इंतजाम भी ऐसे होते हैं कि वायर क्रेट लगने के बाद आने वाली पहली ही बाढ़ में वह भी जमींदोज हो जाते हैं। इस तरह हर वर्ष सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। ग्रामीण पिछले कई वर्षों से बरसात के इतर यहां बाढ़ सुरक्षा के उपाय करने की मांग करते आए हैं। पिछले माह सिचाई मंत्री सतपाल महाराज ने सिचाई विभाग के अधिकारी को तत्काल ही बाढ़ सुरक्षा के इंतजाम करने को निर्देशित किया था। लेकिन, मंत्री के दौरे के एक माह बाद भी हालात और अधिक बदतर हो चुके हैं। अब गांव और गंगा के बीच मात्र पांच से छह फिट का पुस्ता बचा हुआ है जो कभी भी बाढ़ की चपेट में आ सकता है। ऐसे में कांगड़ी गांव डूबने की कगार पर आ सकता है। यही नहीं कांगड़ी के अलावा गाजीवाली और श्यामपुर गांव में भी बाढ़ से तहस-नहस वाली स्थिति उत्पन्न हो सकती है। पानी का बहाव इतना तेज है कि रोज भू कटाव हो रहा है। ग्रामीणों को भय सताने लगा है।

------------ कांगड़ी क्षेत्र का निरीक्षण कर सिचाई विभाग को बाढ़ से बचाव लिए प्रस्ताव बनाकर देने को कहा गया था। विभाग को आपदा मद से बजट भी स्वीकृत हो चुका है। मीरा कैंतुरा, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, हरिद्वार

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कांगड़ी गांव को बाढ़ से बचाने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, जो पिछले वर्ष स्वीकृत नहीं हुआ था। इस बार दोबारा से प्रस्ताव बना कर दिया गया था जो कि जुलाई में स्वीकृत हो पाया है। इस वक्त गंगा जी में जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है, लिहाजा कोई कार्य नहीं हो सकता है गंगा में जलस्तर कम होते ही वायर क्रेट का काम शुरू कर दिया जाएगा।

डीके सिंह, अधिशासी अभियंता, सिचाई विभाग, हरिद्वार

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