जेईई मेंस के पेपर लीक मामले में सख्त कार्रवाई करे सरकार
जेईई मेंस का पेपर लीक होने के मामले में एनएसयूआइ ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार जिम्मेदार है। इस मामले में त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए।
जागरण संवाददाता, रुड़की: जेईई मेंस का पेपर लीक होने के मामले में एनएसयूआइ ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार जिम्मेदार है। इस मामले में त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए।
रुड़की के मालवीय चौक स्थित एनएसयूआइ के कार्यालय पर पत्रकारों से बातचीत में जिलाध्यक्ष सचिन चौधरी ने कहा कि 2016 से 2018 मार्च तक जेईई मेंस की परीक्षाएं देश में 792 सेंटरों पर नेशनल टेस्टिग एजेंसी (एनटीए) ने आयोजित की। इसमें छह लाख 19 हजार 638 छात्रों ने परीक्षा दी थी। परीक्षा के तुरंत बाद ही पेपर लीक होने के मामले सामने आने लगे। इसके बाद सीबीआइ ने जांच शुरू की थी। अब पेपर लीक मामले की पुष्टि सीबीआइ ने की है। सीबीआइ ने 20 से अधिक सेंटरों पर छापेमारी की और बताया कि लीक हुए प्रश्न पत्र सही है। दिल्ली एनसीआर, पुणे, जमशेदपुर, इंदौर, बेंगलुरु के विभिन्न सेंटरों पर छापेमारी की। सीबीआइ ने बताया कि छात्र छात्राओं से प्रवेश के लिए 12 से 15 लाख रुपये लिए जा रहे थे। साथ ही, उनसे आइडी पासवर्ड, 10वीं और 12वीं की मार्कशीट, पोस्ट डेटेड चेक भी लिए थे। उन्होंने कहा कि जल्द इस मामले का पटाक्षेप नहीं किया गया तो छात्रों में अंसतोष फैैल जाएगा। साथ ही, यह भी कहा कि पेपर लीक की इस घटना के बाद एनआइटी की ओर से कराई गई शेष परीक्षाएं शक के घेरे में है। सरकार इस मामले में जल्द कार्रवाई करे। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट के कार्यरत न्यायाधीश की निगरानी में पूरी जालसाजी की जांच की जाए। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान व नेशनल टेस्टिग एजेंसी के महानिदेशक विनीत जोशी को तत्काल पद से हटाया जाए। अन्यथा एनएसयूआइ आने वाले दिनों में पूरे प्रदेशभर में इसके खिलाफ प्रदर्शन करेगी। इस मौके पर विशाल चौधरी, युवराज चौधरी, रवि चौधरी, राजू चौधरी, कार्तिक, आकाश चावला, मुदित शर्मा आदि मौजूद रहे।